शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

होली 2023

                             होली2023                             होली का त्योहार है, जो आता है हर साल। रंगों का खूबसूरत खेल है, जो मिलकर मनाते हम सब
होली भारत में मनाई जाने वाली एक रंगों का त्योहार है। यह त्योहार वसंत ऋतु में मनाया जाता है और विभिन्न रंगों के अभिव्यक्ति के माध्यम से खुशी और उत्साह का प्रकट किया जाता है। होली का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में भिन्न-भिन्न रूपों में मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान लोग एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं, गुजिया खाते हैं, प्रेम और भाईचारे का प्रकट करते हैं।

होली कब है- ठाकुर प्रसाद पंचांग के मुताबिक इस बार होली 6,7, एवम 8 मार्च को है। फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में होलिका दहन होता है। तत्पश्चात अगले दिन चैत्र प्रतिपदा को रंगो और प्रेम भाईचारे का त्योहार होली मनाया जाता है।    chat gpt the future of interenet. जिसने गूगल सर्च इंजन को भी मात दे दिया।     मुहूर्त व तिथि- इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 6 मार्च मंगलवार को शाम 6 बजे 17 मिनट पर प्रारंभ होगी और इस तिथि का समापन 7 मार्च दिन बुधवार शाम 6 बजकर 9 मिनट पर होगा। अतः फाल्गुन  पूर्णिमा तिथि मे प्रदोष काल में होलिका दहन 7 मार्च दिन मंगलवार को है। 7 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त शाम को 6 बजकर 24 मिनट से रात्रि 8 बजकर 51 मिनट तक है। होलिका दहन मुहूर्त लगभग 2 घंटे 27 मिनट तक है। होलिका दहन में भी श्रधा भक्ति से विधिपूर्वक पूजा पाठ किया जाता हैं     । होलिका दहन के दूसरे दिन/अगले दिन प्रेम पर्व रंगो का पर्व होली मनाया जाता है। ऐसे में इस वर्ष होली का त्योहार 8 मार्च चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि शाम 7 बजकर 42 मिनट तक है। अब बस कुछ दिन और इंतज़ार फिर होली की धूम। Happy holy all of you  come must funny video                                             होली का महत्व- भगवान विष्णु के परम भक्त  प्रह्लाद को जब अग्नि मे जलाने के लिए हिरण्य कश्यप ने अपनी बहन होलिका जिसको आग में नही जलने का वरदान प्राप्त था के गोद में प्रह्लाद को बैठा के अग्नि कुंड में आग लगवा दिया। लेकिन भगवान  के आशीर्वाद से प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई क्युकी उसने अधर्म का साथ दिया था। और उसी समय से होली मनाई जाती है। जो सच्चाई और अच्छाई की जीत का प्रतिक है।  होली के पारंपरिक व्यंजन- चंद्रकला जो उत्तर भारत की प्रसिद्ध मिठाई है। पुआ, पूडि, दही बड़ा, कढी वगैरह। कहीं कहीं मांशा हारी भी बनता है।    होली खेलना- मुख्यतः होली रंगो और गुलाल का त्योहार है। दिन में रंग और शाम मे अबीर से होली खेली जाती है। जहाँ बच्चे अपने से बड़ों के चरणस्पर्श करके अबीर लगा के बड़ों, बुजुर्ग से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं वही पे बड़े लोग अबीर सर पे लगा के आशीर्वाद देते हैं। हम उम्र अबीर गोरे, सॉफ्ट गालों पे भी लगाते हैं फिर गले मिलके होली का मुबारकबाद देते हैं। ये काफी पुराना और पारंपरिक तरीका है जो बहुत अच्छे संस्कार को दर्शाता है।    chat gpt को जरूर जाने। class nursery से class phd वाले तक के लिए उपयोगी                                                          होली में एक विशेष आग्रह शाम मे होली के रंगो के साथ अपने दुर्गुण को भी साफ करने की कोशिश करेंगे।         Disclaimer- उपरोक्त जानकारी विभिन्न multimedia प्लेटफॉर्म से collect किया गया है। जो उम्मीद ही नही पूर्ण विश्वास है कि बहुत पसंद आयेगा आपको। फिर भी अधिक जानकारी के लिए श्रीमान पंडित जी से संपर्क किया जा सकता है।        Thanx & welcome for visit my website, read my content & forward my content 🙏प्यार में प्यार से प्यार के लिए youtube

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