रविवार, 17 नवंबर 2024

हिमालय की रानी किसे कहते हैं

               

 
                 सिक्किम: हिमालय की रानी
सिक्किम भारत का एक छोटा सा राज्य है, जिसे हिमालय की रानी भी कहा जाता है। इसकी खूबसूरती और अद्भुत संस्कृति इसे पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनाती है।
सिक्किम का इतिहास
सिक्किम 16वीं शताब्दी से एक स्वतंत्र राज्य था। लेकिन 1975 में यह भारत का 22वां राज्य बना।
 * सिक्किम समझौता: 1975 में भारत और सिक्किम के बीच हुआ यह समझौता सिक्किम के भारत में विलय का कारण बना।
सिक्किम की जनजीवन---:;
सिक्किम में मुख्य रूप से लेपचा, भूटिया, नेपाली और लिम्बू समुदाय के लोग रहते हैं। इनका मुख्य पेशा कृषि, पशुपालन और पर्यटन है।
सिक्किम का मौसम
सिक्किम में मानसून जून से सितंबर तक रहता है। यहां की जलवायु काफी विविध है। ऊंचाई के साथ-साथ तापमान और वर्षा में भी बदलाव होता है।
सिक्किम की खेती
सिक्किम में चावल, मक्का, गेहूं, दालें और विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां उगाई जाती हैं।
सिक्किम की संस्कृति
सिक्किम की संस्कृति बहुत ही समृद्ध है। यहां के लोग विभिन्न त्योहार मनाते हैं जैसे कि लोसार, दुसहरा, दीवाली और छेछो।
सिक्किम की खूबसूरती
सिक्किम प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं:
 * गंगटोक: सिक्किम की राजधानी
 * त्सोमो लेक: एक खूबसूरत उच्च ऊंचाई वाली झील
 * नाथु ला: भारत और चीन की सीमा पर स्थित एक दर्रा
 * युमथांग वैली: फूलों की घाटी
 * बाबा मंदिर: एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर
              सिक्किम में टैक्स क्यों नहीं लगता?

आपके मन में सवाल आ रहा होगा, कि आखिर सिक्क्मि को इंकम टैक्‍स में राहत क्‍यों दी गई है। इसके लिए आपको सिक्किम के इतिहास पर नजर डालनी होगी। दरअसल, सिक्किम 1975 से पहले स्‍वतंत्र देश था। 1975 में यह भारत का हिस्‍सा और एक नया राज्‍य बना। इसके लिए 1950 में भारत सिक्किम समझौता हुआ। इस समझौते में यहां के राजा चोग्याल ताशी नामग्याल ने कुछ शर्त रखी थीं। जिसमें से एक शर्त यह भी थी कि यहां के रहने वाले लोगों को इनकम टैक्स में छूट दी जाए।

उनकी यह शर्त मान ली गई और टैक्‍स अधिनियम की धारा 1961 10 (26AAA) के तहत इन्‍हें इनकम टैक्‍स में छूट मिलने लगी। सिक्किम को संविधान के आर्टिकल 371 एफ के तहत विशेष दर्जा मिला हुआ है। हालांकि, उस वक्‍त सिक्‍कम के उन लोगों को ही टैक्स में छूट दी गई थी, जिनके पास सिक्किम सब्‍जेक्‍ट सर्टिफिकेट था।
हालांकि, इस नियम को 1989 के बाद बदला गया। जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन लोगों को भी छूट मिली, जिनके पास सर्टिफिकेट नहीं था। इस तरह सिक्किम के 95 फीसदी लोग टैक्‍स छूट के दायरे में आ गए।
Disclaimer-: ये जानकारी विभिन्न क्षेत्रों multimedia/social media से ली गई है। इसलिए इसकी पुष्टि नहीं करता हूँ। 

शुक्रवार, 15 नवंबर 2024

x ray, ct scan और mri test क्या होता है

X-ray क्या है
एक्स-रे एक प्रकार का उच्च-ऊर्जा वाला विद्युत चुम्बकीय विकिरण है, जिसकी तरंगदैर्ध्य पराबैंगनी किरणों से कम और गामा किरणों से अधिक होती है। यह कई ठोस पदार्थों जैसे निर्माण सामग्री और जीवित ऊतकों को भेद सकता है। इसीलिए इसका उपयोग चिकित्सा निदान (जैसे टूटी हुई हड्डियों की जांच) और सामग्री विज्ञान में व्यापक रूप से किया जाता है।
एक्स-रे की खोज किसने की थी?
एक्स-रे की खोज 1895 में जर्मन वैज्ञानिक विल्हेल्म कॉनराड रॉन्टजन ने की थी। उन्होंने इस रहस्यमय विकिरण को "एक्स-रे" नाम दिया था, क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि यह क्या है।
एक्स-रे कितने प्रकार के होते हैं?
एक्स-रे को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है:
 * सॉफ्ट एक्स-रे: इनकी तरंगदैर्ध्य अधिक होती है और ये कम ऊर्जावान होते हैं। इनका उपयोग चिकित्सा इमेजिंग में किया जाता है।
 * हार्ड एक्स-रे: इनकी तरंगदैर्ध्य कम होती है और ये अधिक ऊर्जावान होते हैं। इनका उपयोग औद्योगिक इमेजिंग और सामग्री परीक्षण में किया जाता है।
एक्स-रे के अन्य प्रकार:
 * विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में एक्स-रे की स्थिति: एक्स-रे विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का एक हिस्सा हैं।
 * एक्स-रे के गुण: एक्स-रे कई पदार्थों को भेद सकते हैं, फोटोग्राफिक फिल्म को काला कर सकते हैं और आयनीकरण का कारण बन सकते हैं।
 * एक्स-रे के उपयोग: एक्स-रे का उपयोग चिकित्सा, उद्योग, खगोल विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में किया जाता है।
अतिरिक्त जानकारी:
 * एक्स-रे एक्स-रे ट्यूब नामक उपकरण से उत्पन्न होते हैं।
 * एक्स-रे के संपर्क में आने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए इसका उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
                        ct scan test
सीटी स्कैन: एक संक्षिप्त जानकारी
सीटी स्कैन या कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन एक इमेजिंग टेस्ट है जो आपके शरीर के अंदर की तस्वीरें लेने के लिए एक्स-रे का उपयोग करता है। यह एक्स-रे मशीन की तुलना में अधिक विस्तृत और स्पष्ट तस्वीरें प्रदान करता है।
सीटी स्कैन के प्रकार:
सीटी स्कैन कई प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
 * हेड सीटी: मस्तिष्क और सिर की जांच के लिए
 * चेस्ट सीटी: फेफड़े और छाती की जांच के लिए
 * एब्डोमिनल सीटी: पेट के अंगों की जांच के लिए
 * पेल्विक सीटी: श्रोणि क्षेत्र की जांच के लिए
 * कंट्रास्ट एंजियोग्राफी सीटी: रक्त वाहिकाओं की जांच के लिए
सीटी स्कैन की खोज:
सीटी स्कैन की खोज गोफ्रेड एउलेनबर्ग नामक एक इंजीनियर ने 1963 में की थी।
सीटी स्कैन में सावधानियां:
 * विकिरण जोखिम: सीटी स्कैन में एक्स-रे का उपयोग होता है, इसलिए विकिरण जोखिम होता है। हालांकि, यह जोखिम आमतौर पर कम होता है और लाभ जोखिम से अधिक होते हैं।
 * गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह के बिना सीटी स्कैन नहीं करवाना चाहिए।
 * एलर्जी: यदि आपको आयोडीन से एलर्जी है तो कंट्रास्ट एंजियोग्राफी सीटी से पहले डॉक्टर को बताएं।
 * दवाएं: कुछ दवाएं सीटी स्कैन के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए डॉक्टर को अपनी सभी दवाओं के बारे में बताएं।
कुल मिलाकर, सीटी स्कैन एक सुरक्षित और प्रभावी इमेजिंग टेस्ट है जो कई बीमारियों के निदान में मदद कर सकता है।
                          mri test 
एमआरआई क्या है?
एमआरआई का पूरा नाम मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल शरीर के अंदर की तस्वीरें लेने के लिए किया जाता है। यह एक्स-रे की तरह नहीं है, बल्कि इसमें एक शक्तिशाली चुंबक, रेडियो तरंगें और एक कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। ये सभी मिलकर शरीर के अंदर के विस्तृत चित्र बनाते हैं।
एमआरआई के प्रकार
एमआरआई कई तरह के होते हैं, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों की जांच के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। कुछ सामान्य प्रकार हैं:
 * ब्रेन एमआरआई: मस्तिष्क की जांच के लिए
 * स्पाइन एमआरआई: रीढ़ की हड्डी की जांच के लिए
 * अब्डोमिनल एमआरआई: पेट के अंगों की जांच के लिए
 * पेल्विक एमआरआई: श्रोणि क्षेत्र की जांच के लिए
 * जॉइंट एमआरआई: जोड़ों की जांच के लिए
 * कार्डिएक एमआरआई: दिल की जांच के लिए
एमआरआई की खोज किसने की थी?
एमआरआई की खोज एक लंबी प्रक्रिया थी जिसमें कई वैज्ञानिकों ने योगदान दिया। हालांकि, एमआरआई के विकास में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देने वाले वैज्ञानिकों में से एक पॉल सी. लॉर्बेट थे।
एमआरआई में किसकी जांच होती है?
एमआरआई का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों और स्थितियों की जांच के लिए किया जाता है, जैसे:
 * मस्तिष्क: ट्यूमर, स्ट्रोक, मल्टीपल स्केलेरोसिस, सिर की चोटें
 * रीढ़ की हड्डी: डिस्क स्लिप, रीढ़ की हड्डी में संक्रमण, रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर
 * पेट: लीवर की बीमारी, किडनी की बीमारी, पैंक्रियाटिक बीमारी, पाचन तंत्र की समस्याएं
 * श्रोणि: प्रोस्टेट कैंसर, ओवरी के सिस्ट, गर्भाशय की समस्याएं
 * जोड़: जोड़ों में सूजन, जोड़ों में दर्द, आर्टिकुलर कार्टिलेज की क्षति
 * दिल: हार्ट अटैक, दिल की मांसपेशियों की क्षति, दिल की वाल्व की समस्याएं
अगर आपको एमआरआई करवाने की सलाह दी गई है, तो अपने डॉक्टर से बात करें और सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करें।
Ct scan,, mri,, and x ray
सीटी स्कैन, एमआरआई और एक्स-रे: शरीर के किस अंग की जांच करते हैं?
सीटी स्कैन, एमआरआई और एक्स-रे ये सभी मेडिकल इमेजिंग तकनीकें हैं जो शरीर के अंदर की तस्वीरें लेने के लिए इस्तेमाल होती हैं। हालांकि, ये तीनों अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं और शरीर के अलग-अलग हिस्सों की जांच के लिए इस्तेमाल होते हैं।
एक्स-रे           xray
 * क्या करता है: एक्स-रे शरीर के अंदर से गुजरने वाली ऊर्जा की एक किरण है। यह हड्डियों की तस्वीरें सबसे अच्छी तरह लेता है।
 * किस अंग की जांच होती है:
   * हड्डियां (फ्रैक्चर, ट्यूमर)
   * फेफड़े (निमोनिया, कैंसर)
   * दांत
 * उदाहरण: 
सीटी स्कैन    ct scan
 * क्या करता है: सीटी स्कैन एक्स-रे की कई तस्वीरों को मिलाकर शरीर का एक क्रॉस-सेक्शनल दृश्य बनाता है। यह हड्डियों और नरम ऊतकों दोनों की विस्तृत तस्वीरें प्रदान करता है।
 * किस अंग की जांच होती है:
   * सिर (मस्तिष्क, रक्त वाहिकाएं)
   * छाती (फेफड़े, दिल)
   * पेट (यकृत, किडनी)
   * हड्डियां (फ्रैक्चर, ट्यूमर)
 * उदाहरण: 
एमआरआई    mri test
 * क्या करता है: एमआरआई शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करके शरीर के अंदर की विस्तृत तस्वीरें बनाता है। यह नरम ऊतकों (मस्तिष्क, मांसपेशियां) की बहुत ही विस्तृत तस्वीरें प्रदान करता है।
 * किस अंग की जांच होती है:
   * मस्तिष्क
   * रीढ़ की हड्डी
   * जोड़
   * मांसपेशियां
   * रक्त वाहिकाएं
 * उदाहरण: 
कौन सी जांच कब होती है?
 * एक्स-रे: यह सबसे आम और सबसे सस्ता इमेजिंग टेस्ट है। यह आमतौर पर हड्डियों की चोटों या फेफड़ों की समस्याओं की जांच के लिए किया जाता है।
 * सीटी स्कैन: यह एक्स-रे से अधिक विस्तृत होता है और अक्सर शरीर के अंदर गहराई से देखने के लिए किया जाता है, जैसे कि ट्यूमर या आंतरिक अंगों की समस्याओं की जांच के लिए।
 * एमआरआई: यह सबसे विस्तृत इमेजिंग टेस्ट है और अक्सर मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और जोड़ों की समस्याओं की जांच के लिए किया जाता है।
कौन सी जांच आपके लिए सही है, यह आपके डॉक्टर ही निर्धारित कर सकते हैं।
अल्ट्रासाउंड टेस्ट: एक संक्षिप्त जानकारी
अल्ट्रासाउंड टेस्ट एक गैर-आक्रामक इमेजिंग परीक्षण है जो शरीर के अंदर की तस्वीरें लेने के लिए उच्च-आवृत्ति ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। यह परीक्षण शरीर के विभिन्न अंगों, जैसे कि पेट, गुर्दे, दिल, और गर्भाशय को देखने के लिए किया जाता है।
अल्ट्रासाउंड कैसे होता है?
 * जेल का उपयोग: परीक्षण से पहले, डॉक्टर उस क्षेत्र पर एक विशेष जेल लगाते हैं जहां अल्ट्रासाउंड किया जाना है। यह जेल ध्वनि तरंगों को शरीर में अधिक प्रभावी ढंग से प्रवेश करने में मदद करती है।
 * ट्रांसड्यूसर: एक छोटा उपकरण, जिसे ट्रांसड्यूसर कहा जाता है, त्वचा पर दबाया जाता है। यह ट्रांसड्यूसर ध्वनि तरंगें भेजता है और शरीर से परावर्तित होने वाली ध्वनि तरंगों को प्राप्त करता है।
 * इमेज निर्माण: प्राप्त ध्वनि तरंगों को एक कंप्यूटर द्वारा संसाधित किया जाता है, जो शरीर के अंदर के अंगों की एक तस्वीर बनाता है।
अल्ट्रासाउंड के प्रकार
अल्ट्रासाउंड परीक्षण के कई प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:
 * एब्डोमिनल अल्ट्रासाउंड: पेट के अंगों, जैसे कि लीवर, किडनी, और पित्ताशय को देखने के लिए किया जाता है।
 * पेल्विक अल्ट्रासाउंड: पेल्विस के अंगों, जैसे कि गर्भाशय, अंडाशय, और प्रोस्टेट को देखने के लिए किया जाता है।
 * ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासाउंड: एक विशेष ट्रांसड्यूसर का उपयोग करके योनि के माध्यम से किया जाता है। यह गर्भाशय और अंडाशय को अधिक विस्तार से देखने के लिए उपयोगी होता है।
 * डॉपलर अल्ट्रासाउंड: रक्त प्रवाह को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।
अल्ट्रासाउंड क्यों किया जाता है?
अल्ट्रासाउंड परीक्षण कई कारणों से किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
 * अंगों के आकार और संरचना का मूल्यांकन करना
 * ट्यूमर या गांठों की पहचान करना
 * रक्त प्रवाह को मापना
 * गर्भावस्था की निगरानी करना
 * अंगों के कार्य का मूल्यांकन करना
अल्ट्रासाउंड परीक्षण एक दर्द रहित और सुरक्षित प्रक्रिया है। यदि आपके डॉक्टर ने आपको अल्ट्रासाउंड परीक्षण की सलाह दी है, तो कृपया उनके निर्देशों का पालन करें।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
नोट: ये सभी इमेजिंग टेस्ट कुछ जोखिमों के साथ आते हैं। इसलिए, किसी भी जांच से पहले अपने डॉक्टर से पूरी जानकारी ले लें।
अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
Disclaimer: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे किसी भी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
क्या आप किसी विशेष अंग या बीमारी के बारे में अधिक जानना चाहते हैं?

नोट: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ली जानी चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

शनिवार, 9 नवंबर 2024

छठ पूजा बिहार महापर्व

                  
                     छठ पर्व बिहार (महापर्व) 
छठ पर्व सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है?
 * सूर्य देव की उपासना: छठ पर्व में सूर्य देव को जीवनदाता माना जाता है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और उनके दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की जाती है।
 * प्रकृति की पूजा: छठ पर्व में प्रकृति के पांच तत्वों - जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी और आकाश की भी पूजा की जाती है।
 * कठिन व्रत: छठ पर्व का व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है। व्रती 36 घंटे तक निर्जला रहते हैं और इस दौरान वे केवल फल और सब्जियां ही ग्रहण करते हैं।
 * आस्था और विश्वास: छठ पर्व लोगों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। मान्यता है कि छठ पर्व करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कब से मनाया जाता है?
छठ पर्व का इतिहास बहुत पुराना है। इसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। हालांकि, यह  नहीं कहा जा सकता है कि छठ पर्व कब से मनाया जा रहा है। कुछ विद्वानों का मानना है कि छठ पर्व वैदिक काल से ही मनाया जा रहा है।
कब मनाया जाता है?
छठ पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक मनाया जाता है। यह चार दिवसीय त्योहार है।
 * नहाय-खाय: पहले दिन व्रती स्नान करते हैं और शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं।
 * खरना: दूसरे दिन व्रती निराहार रहते हैं और शाम को खीर बनाकर खाते हैं।
 * संध्या अर्घ्य: तीसरे दिन शाम को सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।
 * उषा अर्घ्य: चौथे दिन सुबह सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का पारण किया जाता है।
मुख्य रूप से कहाँ मनाया जाता है?
छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में मनाया जाता है। हाल ही में, यह त्योहार भारत के अन्य राज्यों में भी लोकप्रिय हो रहा है।
अन्य जानकारी:
 * छठ पर्व को सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है।
 * छठ पर्व के दौरान लोग नदियों, तालाबों या कुओं में जाकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं।
 * छठ पर्व के दौरान लोग विशेष प्रकार के गीत गाते हैं जिन्हें छठ गीत कहते हैं।
आप सभी को छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

represented by qrb

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