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बुधवार, 18 दिसंबर 2024

द पिच एक्सपेरिमेंट "वर्ल्ड लोंगेस्ट एक्सपेरिमेंट"

                           द पिच एक्सपेरिमेंट
टपक सकी हैं केवल 9 बूंदें!
द पिच एक्सपेरिमेंट दुनिया का अब तक का सबसे लंबा और सबसे धीमा प्रयोग है. इस प्रयोग में एक पदार्थ का परीक्षण हो रहा है जिसकी अब तक केवल नौ बूंदें ही गिर पाई हैं. 1930 में शुरू हुआ यह प्रयोग अब तक खत्म नहीं हुआ है और उम्मीद की यह अपने 100 साल पूरे होने के बाद ही खत्म होगा. इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है.
यह प्रयोग बहुत ही धीमा होने के कारण दुनिया के लोगों को ध्यान खींचता है. 
यह प्रयोग बहुत ही धीमा होने के कारण दुनिया के लोगों को ध्यान खींचता है. क्या आप यकीन करेंगे कि एक प्रयोग ऐसा भी है जो कि करीब 100 सालों से चल रहा है और अभी खत्म नहीं हुआ है. यह दुनिया के सबसे धीमे प्रयोग के तौर पर जाना जाता है. इसमें एक पदार्थ की बूंदें बहुत ही धीमी गति से गिर रही हैं और अब तक केवल 9 बूंदें गिरी हैं.
World longest research--
यह खास प्रयोग ऑस्ट्रेलिया के भौतिकविद थॉमस पार्नेल ने साल 1930 में शुरू किया था जो रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले पदार्थों की चौंकाने वाले गुण दिखाना चाहते थे. इस प्रयोग में उन्होंने उन्होंने पिच ड्रॉप एक्सपेरीमेंट के लिए पिच नामक एक अत्यधिक चिपचिपे टार जैसे पदार्थ का इस्तेमाल किया. यह पानी से 100 बिलियन गुना अधिक चिपचिपा और शहद से दो मिलियन गुना अधिक चिपचिपा होता है. यह अजीब पदार्थ ठोस प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में तरल होता है. हथौड़े से मारने पर यह कांच की तरह टूट भी सकता है.
Disclaimer- उपरोक्त ब्लॉग विभिन्न क्षेत्रों से जुटाई और पढ़ी गई जानकारी पे आधारित है. उद्देश्य सिर्फ जानकारी आपको देना मात्र है.

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