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सोमवार, 3 अक्टूबर 2022

Sucess tips for relationship

 

queenrajthoughthindi.blogspot.com 

Relationship💏 between husband and wife. जिंदगी जिंदादिली

अक्सर देखा जाता हैं कि शादी के कुछ वर्ष बीत जाने के बाद पति और पत्नी मे प्यार, रोमांस समय के साथ कम होते चला जाता हैं। जहाँ एक ओर पत्नी घर के काम, बच्चों की देखभाल मे व्यस्त हो जाती है तो दूसरी ओर पति को कार्य का दबाओ, कमाई की चिंता, इस वजह से धीरे धीरे दूरियाँ बढती चली जाती है। और भी कई पारिवारिक, समाज़िक्, कारण हो सकते हैं। लेकिन आप अपने शादी के वर्ष को याद करो जब आपदोनो नये थे। कितना प्यार था। एक दूसरे की चिंता थी।  पति घर से बाहर जा रहे थे तब आपने अंतिम बार कब उनके शर्ट का कालॉर् ठीक किया, उन्हे घडी पहनाई, शर्ट का बटन लगाया और प्यार भरी नज़रों से देखते हुए बोली जल्दी आना और दरवाजे तक छोड़ने गई और हाथ से हाथ मिलाते हुए छोड़ा (see off)/जबतक वो दूर नही चले गए आप देखती रही। क्या महसूस किया आपने सिहरन हो गई न। धड़कन बढी। प्यार का एहसास हुआ। अब दूसरी तरफ साहब आप याद करो अंतिम बार कब घर से निकलने से पहले धर्म पत्नी को बहाने से बुलाया। बोले dear शर्ट का बटन लगा दो, टाई पहना दो, घडी कहाँ है। फिर थोडी शरारत की प्यार किया। और बोले जल्दी फ्रेश हो जाना, समय पर खाना खा लेना। और आज वो वाली साडी पहन लेना। उसमे तुम और भी ज्यादा खूबसूरत लगती हो। और पहले पत्नी के सर को चूमते हो फिर हाथ के कलाई पर चूमते हुए प्यार भरी नज़रों से देखते हो और अपने कार्य पर निकल जाते हो। उसके बाद दोनों एक दूसरे के बारे में सोचते रहते थे। दिनभर। उसी बीच फोन पर भी बात हुआ करती थी। दोनों को एक दूसरे का इंतज़ार रहता था। वो हंसी,,मज़ाक, शरारत, प्यार और वो एहसास। कुछ नहीं बदला है आप भी वही हो। बदला है तो सिर्फ नज़रिया, दृष्टिकोण। प्रेम रतन धन पायो

क्यों होती हैं दूरियाँrelationship tips for full romance

१. समय का अभाव- कोई घर के काम मे तो कोई दफ्तर के काम मे। २.परिवार बढ़ना--शादी के कुछ दिन के बाद दोनों माता- पिता बन जाते हैं। माँ का पुरा ध्यान बच्चे पे रहता है। पिता का भी। अपने लिए समय ही नही मिल पाता। ३. आपस में बातचीत कम या नही होना। --लगातार बातचीत नही होने या कम होने से वर्तमान समय में क्या हो रहा है। दोनों को कोई दिक्कत है। दबाओ है। ४. प्रतिस्पर्धा--  खास तौर पे शहर में एक दूसरे से आगे बढ़ने के चक्कर में भागम भाग लगी हुई है।सिर्फ जीने के लिए संसाधन जुटा रहे है। जिंदगी जी नही पा रहे। ५. अहम की भावना--अपने को एक दूसरे से ज्यादा आकना। एक दूसरे के भावना को नज़रंदाज़ करना। अपने को ज्यादा खूबसूरत या पढ़ा लिखा समझ के भेद भाव की नीति। ये रिश्ते में कड़वाहट ला सकते है। ६. खुदगर्ज़ी या स्वार्थीपन--सिर्फ अपनी या अपने तरफ के रिश्ते को एहमियत देना, उनसे बात करते रहना, लड़का सिर्फ अपने तरफ के रिश्ते को तबज्जों दे। जैसे अपनी माँ- पिता, बहन, भाई, या कोई भी रिश्तेदार। इनके आने पर स्वागत करे और पत्नी के रिश्तेदारों से परहेज। या फिर पत्नी भी अपनी रिश्तेदार लोग को तबज्जों दे।          आपस में रोमांस और प्यार रहे                           १ .माना कि  समय के साथ परिवार बढ़ता है जिम्मेदारी बढती है। और हमारी उम्र भी। लेकिन प्यार जब किसी भी उम्र में हो सकती हैं। जो कई जगह सुना भी होगा। तो दिल तो बच्चा है यार।       २, आपस में बातचीत करे जिसे दोनों एक दूसरे की वर्तमान समय को जान सके। समझ सके। बातचीत खुलकर करे। निसंकोच।  आईये आपका इंतज़ार है                                    ३. आपस में दोस्ताना संबंध स्थापित करने की कोशिश करे। अपने पसंद, नापसंद, भावना, जरूरत, एक दूसरे से क्या उम्मीद है। इसपे विचार करे। ४. कमसे कम दिन या रात में एक साथ मिलबैठ के खाना खाये। ५. पति या पत्नी एक दूसरे के कार्य का तारीफ करे। ६. अगर कोई बात बुरी लगे तो खुद को उस जगह पर ले जाके अनुभव करे की क्या सही क्या गलत। फिर उसपे विचार विमर्श करे। मन में गांठ बांध कर संबंध खराब नही करे। ७. एक दूसरे से हँसी, मज़ाक, शरारत करते है। रिश्ते में नयापन अनुभव होगा। ८. जहाँ तक संभव हो एक दूसरे के कार्य में सहयोग करने की कोशिश करे। ९. जिंदगी के छोटे छोटे moments को enjoy करे। एक दूसरे के जज़्बात, का सम्मान करे। छोटी छोटी बातो को नज़र अंदाज़ करे। १०. अभी नही आज mood नही है थक गया या गई हूँ, काम है, या कोई और बहाना नहीं बनाये। जिंदगी में प्यार जरूरी है। लोग क्या कहेंगे, सोचेंगे से बचे अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीये। सिर्फ आपकी अंतर्मन या आपकी जमीर आपको सही कहे। ११. एक दूसरे को छोटे छोटे मौके पे गिफ्ट देना नही भूले। एक दूसरे पे दबाओ नही बनाये। १२, ग़ंभीर या गुस्सैल प्रवृत्ति से बचे। एक दूसरे को जगह दे। पसंद के होटल में पसंद का डिश और पसंद की जगह पे घुमाये। बहस, लडाई झगडा से बचे। खाना, कपड़े, जगह के चुनाव में एक दूसरे को समझे। उन्हे जगह दे। प्यार, सम्मान, विश्वास, के साथ आप long term relationship मे रह सकते हैं। १३. किसी के बहकावे मे आके कोई प्रति क्रिया नही दे। आपस में आँखों में आँखे मिलाके cute lovely smiles के साथ हाथो में हाथ डालके बात करे। एक अध्ययन के अनुसार जो दंपत्ति एक-दूसरे को बेस्ट फ्रेंड मानते हैं वे दूसरों के देखे अपनी वैवाहिक जिंदगी में ज्यादा अधिक संतुष्ट जीवन जीते हैं। एक दूसरे को हर बात बताएं जैसे ऑफिस की बातें, दोस्तों की बातें, घर परिवार की बातें ये सयारी बातें शुयर करें। कुछ ऐसी बातें भी होती हैं जिसे करने से एक दूसरे का मूड खाब भी हो सकता ह।ै ऐसे में समय और मूड दानों को देख कर बाते करें।

आकांक्षा और ईमानदारी दो बहुत ही अलग-अलग गुण हैं।

आकांक्षा व्यक्ति की उत्कृष्टता तक पहुंचने की इच्छा होती है। इसका मतलब होता है कि वह जीवन में अधिकतम संभावनाओं को खोजता है और संभवतः सब कुछ हासिल करने के लिए प्रयास करता है। इसके लिए वह अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों के प्रति बहुत उत्साही होता है और किसी भी मानवाधिकारों को तोड़ने से घबराता नहीं है।

दूसरी ओर, ईमानदारी व्यक्ति की शुद्धता और सच्चाई के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। वह सत्य का पालन करता है और दूसरों के अधिकारों को समझता है। ईमानदारी सबसे ज्यादा मूल्यवान गुणों में से एक है, क्योंकि यह विश्वास का मुद्दा होता है। जिस व्यक्ति में ईमानदारी की गुणवत्ता होती है, वह अपने वचनों का पालन करता है और दूसरों के साथ एक निष्ठावान संबंध बनाता है।

इन दो गुणों का संयोग समझदार, सफल और उत्कृष्ट व्यक्ति के लिए बेहद जर


स्थिर और सफल विवाहित रिश्ते को स्थापित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स हैं:

  1. संवेदनशील हों: संवेदनशीलता एक रिश्ते के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अपने साथी की भावनाओं को समझना और उन्हें समझाना बहुत जरूरी है। इससे आपका संबंध और मजबूत होता है।

  2. संयम बनाए रखें: एक सफल रिश्ते के लिए संयम का होना बहुत जरूरी होता है। आपको कुछ चीजों पर कंट्रोल करना होगा जैसे कि गुस्सा, ज़िद, अहंकार आदि। आपके साथी की भावनाओं का सम्मान करना भी बहुत जरूरी है।

  3. समय दें: रिश्तों को स्थापित करने में समय लगता है। आपको अपने साथी के साथ वक्त बिताना और उनके साथ समय बिताना बहुत जरूरी है। आपका समय और ध्यान देने से आपके साथी को महसूस होता है कि आप उन्हें समझते हैं और उनसे प्यार करते हैं।

  4. संयोजन बनाएं: रिश्तों में संयोजन बनाना बहुत जरूरी होता है। आपको अपने साथी की इच्छाओं और आकांक्षाओं को समझना होगा

  5. Disclaimer-- उपरोक्त ब्लॉग आपबीती और कुछ अन्य माध्यमो से संकलित किया गया है। कुछ विषय पर सोच अलग होना कोई बडी बात नही है। मैने मात्र अपना अनुभव साझा किया है। सिर्फ पढ़े और like करे

सोमवार, 29 अगस्त 2022

प्रेम समर्पण है विश्वास है

प्रेम भाव का सौदा नहीं,दूसरों के लिए समर्पण है।स्वार्थ यहाँ कुछ नहीं करता,बस दिल से दूसरों को प्यार है।प्रेम समर्पण और विश्वास दो आदर्श गुण हैं जो संबंधों को स्थायी और समृद्ध बनाते हैं। प्रेम समर्पण का मतलब होता है दूसरों के लिए अपने आप को समर्पित करना और विश्वास संबंधों में आपसी विश्वास एवं आपके कार्यों के लिए सम्पूर्ण विश्वास होना।आधुनिक समय में प्रेम और समर्पण के उदाहरण
 आजकल के समय में प्यार का मतलब बदल गया है। प्यार अधिकांशतः दबाओ मे तब्दील हो रहा है। या फिर स्वार्थ ने प्यार को भी बदनाम कर दिया है।  ऐसे तो प्यार कई तरह के होते हैं लेकिन सबका अपना अलग स्थान है।माँ बेटा/ बेटी।पिता पुत्री।भाई बहन।ये सब तो पारिवारिक दायरे मे आते हैं।लेकिन आज कल जो प्यार का ट्रेंड और फैशन चल रहा है जो ज्यादा सुर्खियो मे रहता है 👫👫 वो है collage ❤love.आप कुछ उदाहरण से समझो माना कि आप ने flower garden मे बहुत सुंदर और मनमोहक पौधा और फुल के पौधा लगाए। उसकी आप देखभाल कर रहे हो खाद पानी मिट्टी कुडाइ समय से कर रहे हो और एक दिन उस पौधे में फूल खिला और वो बहुत सुंदर लग रहा है। आप क्या उस फूल को तोड़ोगे क्युकी आपको उस से प्यार है आपको बहुत सुंदर लगता है वाकई है भी। लेकिन जो प्रेम को समझते हैं वो कभी भी उस फूल को नही तोड़ेंगे।क्युकी आप अगर उसको तोड़ लिए तो फूल मुरझा जायेगा।  खूबसूरती नही रहेगी। जो सच्चा प्रेमी कभी नहीं चाहेगा। मतलब साफ है प्यार एक दूसरे के लिए जीना उसकी कद्र करना उसको समझना और सबसे अहम बात एक दूसरे की खुशी में खुश रहना ही प्यार है। प्यार मे स्वार्थ, के लिए कोई जगह नहीं है। अगर आप किसी लड़की से प्रेम करते हो तो उसके भावना को समझना होगा उसका विश्वास जितना होगा। उसको इज़्ज़त देनी होगी। वो भी निस्वार्थ भाव से। पहले उसको समझो। अगर वो नही चाहती तो आप कोई दबाओ मत बनाओ कोई ज़िद नही करो। क्युकी हो सकता हैं वो ये सब मे नही पड़ना चाहती हो। क्युकी प्यार किसी भी कीमत पर जबरदस्ती नहीं किया जाता हैं। जितना है तो विश्वास और दिल जीतो न यार।। आज के लिए इतना ही सफरनामा ये भी पढ़े। 
उपर के फोटो से आप ये अनुभव कर सकते हो की बचपन से बुढ़ापा तक कितने किरदार निभाने पड़ते हैं। समय के साथ चेहरे पे झुर्रियाँ पडती जाती है। तो घमंड किस बात की। क्युकी कुछ भी कर लो बुढ़ापा और चेहरे पे झुर्रियाँ समय पर ही आयेंगे और यही हकीकत है।  
Disclaimer-- उपरोक्त जानकारी विभिन्न माध्यमो से संकलित और कुछ व्यक्तिगत अनुभव है। Only for read, like & share, 

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दर्द कम चिंता ज्यादा:- मध्यम वर्ग की जिंदगी

मध्यम वर्ग की ज़िंदगी : दर्द कम, चिंता ज्यादा 🌞 सुबह की शुरुआत सुबह के 10 बजे से पहले रोज़ की तरह मैं स्कूटी से ऑफिस जा रहा था।...