Happy खुशी खुशी आखिर है क्या
खुशी क्या होती है सही मायने में खुशी दुसरो की खुशी में तलाशें। सचमुच अद्भुत अनुभव और संतुष्टी मिलेगी। कभी भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाए। आपने देखा होगा मेले में बच्चों को गुब्बारा बेचते हुए। वो अपने परिवार के पालन पोषण के लिए रात भर जग कर गुब्बारा बेचते हैं उस कमाई से दो वक़्त की रोटी जुटाते है बिक्री अच्छी हुई तो खुश होते है वही पे कुछ बच्चे अपने माता पिता के साथ मेला घूमने आते हैं। और गुब्बारा के लिए ज़िद करते हैं दोनों तरफ बच्चे एक बिक्रेता दूसरा खरीददार खैर हटाओ ये बात अब जब गुब्बारा बिका तो खुशी दोनों को हुई साथ मे माता पिता भी खुश। यही है दूसरे की खुशी में अपनी खुशी तलाशना। आज मै अपना घर साफ सफाई कर रहे थे प्लास्टिक लोहा वगेरह् कचरा जमा हो गया तभी बाहर मैने एक छोटे बच्चे को देखा जो कचरा चुन बिन रहा था। मैंने उसको बुलाया सारा कचरा और लोहा दे दिया बिना पैसा लिए उपर से उसको कुछ रुपया भी दिया हमने बच्चे के पीठ पर कचरे की पोटरी नही परिवार की जिम्मेदारी देखा। मजबूरी देखी। सही किया गलत किया बेवकूफी की पता नही पर ऐसा करके मुझे खुशी मिली बहुत शुकुन मिला। आज के लिए इतना ही। आपका ऋतुराज।।। unique onlinefree game