गुरुवार, 5 दिसंबर 2024

unique pic of the period of covid 19

Covid 19 का असर तस्वीर बयाँ कर रहे हैं।घंटाघर भागलपुर   ये खामोशी, वीरानगी,                                                  बस स्टैंड तिलकामांझी                                              उल्टा पुल भागलपुर

गुरु शिष्य

गुरु का दर्शन ही सच्ची शिक्षा है।

शिष्य सदा गुरु की सेवा में लगे रहें।

गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती।

गुरु की कृपा से ही शिष्य को सफलता मिलती है।

शिष्य का धन गुरु, धर्म गुरु, कर्म गुरु है।
👉 गुरु शिष्य परंपरा--

गुरु शिष्य परंपरा एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो शिक्षा एवं ज्ञान के अनुभव को संसार के अधिकांश भागों में सबसे आधुनिक शैक्षणिक संस्थाओं से भी पहले शुरू किया गया था। इस परंपरा के अनुसार, गुरु अपने शिष्यों को अपने अनुभवों और ज्ञान से शिक्षा देते थे। गुरु शिष्य परंपरा का महत्व भारतीय संस्कृति में बहुत ऊँचा है और इसका प्रभाव अब तक आज भी बना हुआ है।
गुरु शिष्य परंपरा के अनुसार, गुरु अपने शिष्यों के जीवन के सभी पहलुओं में उन्हें शिक्षा देते हैं। गुरु अपने शिष्यों को उनकी संस्कृति, धर्म, सामाजिक जीवन और व्यक्तिगत विकास के लिए शिक्षा देते हैं। गुरु शिष्य परंपरा ने हमें एक साथी बनाया है जो हमें अपने जीवन के हर पहलू में सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।what is stress😖
गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत, गुरु का शिष्य को सम्मान देना और उनके उपदेशों का अनुसरण करना भी शामिल होता है
👉 मोबाइल और गुरु शिष्य--
मोबाइल से गुरु शिष्य परंपरा पर क्या क्या असर पड़ा है

मोबाइल फोन ने गुरु शिष्य परंपरा पर कुछ असर पड़ा है। इसे कुछ तरीकों से समझा जा सकता है:

👉संचार के माध्यम के रूप में: मोबाइल फोन ने गुरु शिष्य परंपरा के माध्यम को बदल दिया है। अब गुरु और शिष्य अलग-अलग स्थानों पर होते हुए भी आसानी से संपर्क में रह सकते हैं।

👉ज्ञान के माध्यम के रूप में: मोबाइल फोन ने शिक्षा के माध्यम को भी बदल दिया है। अब शिष्य अपने मोबाइल फोन के माध्यम से अनेक संसाधनों तक पहुँच सकते हैं जैसे कि विभिन्न शिक्षा संस्थानों के वेबसाइट, ऑनलाइन लाइब्रेरी, वीडियो वेबसाइट आदि।

👉संदेशों के माध्यम के रूप में: मोबाइल फोन के माध्यम से शिष्य गुरु से अनेक संदेश प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि सूचनाएं, नोटिस, उपक्रमों की जानकारी, शिक्षण के सम्बन्ध में जानकारी आदि।

👉अध्ययन में उपयोग के माध्यम के रूप में: मोबाइल फोन शिक्षा के क्षेत्र में उपयोगी उपकरण है
मोबाइल और गुरु शिष्य-
मोबाइल का गुरु शिष्य परंपरा पर दुष् प्रभाव (disadvantage) ---

मोबाइल का गुरु शिष्य परंपरा से शायद आप मोबाइल युग के बदलते समय में भ्रमित होंगे। हालांकि, दुस्प्रभाव भी होते हैं, और इस परंपरा के कुछ दुस्प्रभाव निम्नलिखित हैं:English punctuation example

👉स्क्रीन टाइम की बढ़ती मात्रा: मोबाइल फोन के गुरु शिष्य परंपरा से सबसे बड़ा दुस्प्रभाव है कि लोगों के स्क्रीन टाइम बढ़ जाते हैं। यह उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से आँखों में दर्द, असंतुलित नींद और तनाव आदि दिक्कतें हो सकती हैं।

👉समाजिक संचार कौशलों की कमी: मोबाइल फोन के गुरु शिष्य परंपरा से दूसरा दुस्प्रभाव है कि लोग सामाजिक संचार कौशलों की कमी महसूस करते हैं। उन्हें असामाजिक होने का डर लगता है और वे अपनी निजी जिंदगी से दूर हो जाते हैं। इससे उनकी मनोदशा पर भी असर पड़ सकता है।

👉स्वास्थ्य समस्याएं: लंबी समय तक मोबाइल फोन पर देखने से उनके पास लक्ष्य दूर जाने के लिए काम करने की इच्छा कम हो सकता है। 
गुरु शिष्य के कुछ उदाहरण---अरस्तू का गुरु थालेस हुआ करता था। थालेस एक पूर्व यूनानी दार्शनिक और वैज्ञानिक थे जो जीवन के 6वीं और 5वीं सदी ईसा पूर्व में थे। थालेस को नदी नील के पानी में उत्पन्न होने वाली विद्युत शक्ति का खोज करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने ज्योतिष शास्त्र और ज्योतिषीय घटनाओं का भी अध्ययन किया था।
Motivational quotes--
👉"गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है, और ज्ञान के बिना जीवन अधूरा है।" - स्वामी विवेकानंद
Translation: "Knowledge is incomplete without a guru, and life is incomplete without knowledge."

👉"गुरु जैसा नहीं कोई, जो देता है अनमोल उपहार।" - संत कबीर
Translation: "There is no one like the guru, who gives priceless gifts."

👉"गुरु का महत्व वह आकार नहीं रखता जो हम देखते हैं, बल्कि उसके सिद्धांत और उपदेशों में होता है।" - स्वामी चिन्मयानंद
Translation: "The importance of a guru is not in their physical form, but in their principles and teachings."

👉"गुरु और शिष्य का रिश्ता दो पारंपरिक उपासना से कम नहीं है।" - श्रीमद भगवद गीता
Translation: "The relationship between guru and disciple is no less than a traditional worship."

"👉गुरु से सीखो तो विश्वास हमेशा सही जगह रखने का होता है।" - स्वामी विवेकानंद
Translation: "When you learn from a guru, you learn to always keep your trust in the right place."
Disclaimer-- गुरु शिष्य विषयक ब्लॉग विभिन्न क्षेत्रों से संकलित कर आपके लिए आपके समक्ष प्रस्तुत किया है। उम्मीद ही नहीं भरोसा है कि आपको पसंद आयेगा और आप इसे like & forward भी करोगे। Thanx for watching 🙏🌷

बुधवार, 4 दिसंबर 2024

गोराडीह भागलपुर सड़क (हादसों का सड़क)

ऐसे तो भागलपुर से गोराडीह का सड़क अच्छा है. इसकी दूरी लगभग 16 किलो मीटर है! भागलपुर से लोदीपुर , जमसी, आनंदपुर, गरहोतिया, बिरनौध होते हुए गोराडीह जाता है और आगे ये सड़क सनहौला को जाती है. गोराडीह भागलपुर का एक छोटा प्रखंड है! लेकिन गोराडीह भागलपुर सड़क मार्ग बहुत ज्यादा खतरनाक है जिसमे रोज़ सड़क दुर्घटना होते रहती हैं! कभी motorcycle accident, cycle accident, पैदल यात्री को धक्का लगना, टोटो पलटना, ऑटो पलटना जिसके कारण जानमाल की क्षति लगभग रोज़ होती है! ये अलग बात है की ये घटना कभी कभी सार्वजनिक होता है! 
यहाँ आस पास लोग जो यहाँ रहते है ये लोग ही घायल हुए राहगीर को चिकित्सा सेवा देख रेख करते हैं.. ये लोग व्यवहारिक और मददगार होते हैं! 
https://youtu.be/D1xzyhh4kr0?si=A9JE2s4CbOzSAEIYview of goradih bhagalpur road
इस रोड मे दुर्घटना का मुख्य कारण-: 1-:बड़ी बड़ी गाड़ी का परिचालन होना, इनकी गति पर प्रतिबंध नही लगाना. घनी आबादी, स्कूल, बाजार होने के बावज़ूद ये बहुत तेज गति से गाड़ी चलाते हैं जिसके कारण गाड़ी इनके कंट्रोल से बाहर हो जाता हैं
2:- इस सड़क मे बहुत से सकरे और ज्यादा घुमाओदार रास्ता है जिससे आगे से आ रही गाड़ी को देखना मुश्किल होता है! 
3-: ये सड़क कम चौडा है जिसके कारण एक बड़ी गाड़ी पुरे सड़क को रोक देता है जिसके कारण आये दिन लगभग रोज़ जाम की समस्या होती हैं! 
4-: लोगो को ट्रैफिक नियम के प्रति जागरूक नही होना
5-: ये सड़क जगह जगह टूटी फूटी है 
6-: इस सड़क मे शाम के समय अंधेरा रहता है और सड़क के किनारे सड़क की सीमा को दर्शाने के लिए symbol नही रहता है
7-: यहाँ अक्सर शाम मे बीच सड़क पर पशु को गाय, बैल, भैंस को सड़क पर आगे आगे और पीछे पीछे गाड़ियों की लम्बी कतार देखी जा सकती है! 
दुर्घटना रोकने के उपाय-:
1-: सबसे ज्यादा जरूरी है बड़े बड़े वाहन को ऑफिस और स्कूल के समय सुबह 09:30am से 10:30am तक no entry लगाया जाए और छुट्टी के आधे घंटे पहले से छुट्टी के आधे घंटे बाद तक शाम मे भी no  entry लगाया जाए
2-: सड़क के किनारे स्कूल से पहले आगे स्कूल है
घनी आबादी वाले जगह से पहले आगे घनी आबादी क्षेत्र है ! ऐसा sign board लगाया जाए
3-: जगह जगह स्पीड लिमिट का बोर्ड लगाया जाए
सड़क को अतिक्रमण मुक्त रखा जाए
4-: गाड़ी overloading नही हो
5-: घुमाओदार और सकरे मोड से पहले आगे सकरा घुमाओ है ये sumbol लगाना चाहिए
6-: सड़क के बीच और किनारे पर चमकीला पीला रंग का स्टिकर लगाया जाए ,,रेडियम 💡light,, 
7-: अगर कोई राहगीर चोटिल या दुर्घटना ग्रस्त हो जाए तो तत्काल उसको नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र भेज के primary treatment दिया जाए
8-: सड़क किनारे पोल लगवाकर cctv camera लगवाया जाए खासकर वैसे जगहो को चिन्हित कर जहाँ दुर्घटना ज्यादा होती हैं
9-: सड़क किनारे पुलिस/एंबुलेंस का नंबर बोर्ड पे प्रदर्शित किया जाए.
याद रखना मुशीबत घर या चेहरा देख के नही आता वो किसी के साथ कभी भी हो सकता हैं. जिसने इस सड़क दुर्घटना में अपनो को खोया उनके लिए सहानुभूति है दुख है! लेकिन आगे से ऐसा नहीं हो इसपर अंकुश लगाने के लिए एक छोटा सा प्रयास सार्वजनिक और जनहित मे एक प्रयास.आप सभी के  सहयोग से
,,आप घर से निकले किसी काम के लिए और बीच रास्ते में अचनाक दुर्घटना हो जाती हैं. आप बेहोश, जख्मी जाना कहाँ पहुँच गए कहाँ. जहाँ जाने वाले है उनको भी आपका इंतज़ार और वापस घर आना है वहाँ भी आपका इंतज़ार और आप बीच रास्ते में अचेत जख्मी और आपके बीबी बच्चे माता पिता की जिम्मेदारी आपके उपर सोचो कितना भयानक और विकट संकट का समय है. क्या बीत रहा होगा दोनों इंतज़ार करते परिवार वाले पे! आप चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते. इसलिए जब भी घर से निकलो ये सोच के की जिम्मेदारी है परिवार है आपके.
आपको सुरक्षित रहना है, गाड़ी सावधानी से चलाना है
क्युकी सावधानी हटी दुर्घटना घाटी,, 
इसलिए अगर रास्ते में ऐसा बेबस, लाचार, घायल राहगीर मिले तो उसकी मदद जरूर करे. ये मदद घायल राहगीर के छोटे छोटे मासूम बच्चों की होगी जो राहगीर पे आश्रित होंगे की पापा कमाने गए हैं.
किसी भी लेखन गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हुँ.
ये blog/content सिर्फ लोगो की सुरक्षा को लेकर बनाया गया है

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दर्द कम चिंता ज्यादा:- मध्यम वर्ग की जिंदगी

मध्यम वर्ग की ज़िंदगी : दर्द कम, चिंता ज्यादा 🌞 सुबह की शुरुआत सुबह के 10 बजे से पहले रोज़ की तरह मैं स्कूटी से ऑफिस जा रहा था।...