शनिवार, 7 दिसंबर 2024

तबादला( transfer)

                         तबादला( transfer) 
मेरे खयाल से  तबादला वही होता है जैसे नई दुल्हन का विदाई! जैसे दुल्हन ससुराल वालों को और ससुराल को धीरे धीरे समझती है! नया घर नया परिवार नया महऔल
कितना संघर्ष करना पड़ता है.
नई जगह के लोग आपकी भावना से खेलेंगे आपकी कमी निकालेंगे इसके लिए आप मेहनत करो लेकिन उनकी तरह बनो जैसा वो तुम्हारे साथ करे आप भी वैसा ही करो! याद रखो अगर आग के मन में डर आ जाए तो शायद कितने घर जलने से बच जाए.. 
तबादला का मतलब है किसी व्यक्ति को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित करना। यह शब्द अक्सर नौकरी के संदर्भ में इस्तेमाल होता है, जहां किसी कर्मचारी को एक विभाग, शाखा या स्थान से दूसरे में भेज दिया जाता है।
तबादले का कर्मचारी पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ सकता है। यह कर्मचारी के लिए एक नई चुनौती हो सकती है, लेकिन यह उसे नए कौशल सीखने और अपने करियर को आगे बढ़ाने का मौका भी दे सकती है।
शायद ये बात साबित होती हैं कि जगह बदलने से मोल/भाव/वैल्यू/कीमत बढ़ती है.पानी की बोतल की कीमत जगह बदलने से उसकी कीमत बढ़ती है जबकि पानी तो वही रहता है. साधारण दुकान की 20rs/ होटल में 50rs/fivestar होटल की 100rs! तबादला होने से वैल्यू बढ़ भी सकती हैं और घट भी सकती है! 
नये स्थान पर पुराने कर्मचारी का व्यवहारिकता ठीक न होने के कई कारण हो सकते हैं। ये कारण व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यावसायिक हो सकते हैं। आइए कुछ प्रमुख कारणों पर नज़र डालते हैं:
 * नई संस्कृति और वातावरण: नया स्थान नई संस्कृति, कार्य प्रणाली और लोगों को साथ लाता है। पुराने कर्मचारी को इस नए वातावरण में ढलने में समय लग सकता है।
 * संबंधों का निर्माण: पुराने सहकर्मियों के साथ मजबूत संबंध बनाने में समय लगता है। नए सहकर्मियों के साथ विश्वास और सहयोग का निर्माण करने में भी समय लग सकता है।
 * नई भूमिका और जिम्मेदारी: नए स्थान पर कर्मचारी को नई भूमिका और जिम्मेदारी मिल सकती है। इस परिवर्तन के अनुकूल होने में समय लग सकता है।
 * तनाव और चिंता: तबादला एक तनावपूर्ण अनुभव हो सकता है। नए स्थान पर अनिश्चितता, घर से दूर रहना और नए लोगों के साथ काम करना चिंता का कारण बन सकता है।
 * व्यक्तिगत कारण: व्यक्तिगत कारण जैसे परिवार, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या व्यक्तिगत जीवन में बदलाव भी व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं।
इन समस्याओं से निपटने के लिए क्या किया जा सकता है:
 * खुले मन से बातचीत: नए सहकर्मियों और प्रबंधकों के साथ खुलकर बातचीत करना महत्वपूर्ण है। अपनी चिंताओं को साझा करें और उनके अनुभवों के बारे में जानें।
 * सहायता मांगें: यदि आपको किसी चीज़ में मदद की आवश्यकता है, तो उससे संकोच न करें। अपने सहकर्मियों या प्रबंधकों से सहायता मांगें।
 * नई संस्कृति को समझें: नए स्थान की संस्कृति, मूल्यों और कार्य प्रणाली को समझने का प्रयास करें।
 * सकारात्मक संबंध बनाएं: नए सहकर्मियों के साथ सकारात्मक संबंध बनाने का प्रयास करें।
 * धैर्य रखें: नए वातावरण में ढलने में समय लगता है। धैर्य रखें और खुद पर दबाव न डालें।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति अलग होता है और नए स्थान पर ढलने में अलग-अलग समय लगता है। यदि आपको लगता है कि आप अकेले इस स्थिति से निपट नहीं पा रहे हैं, लेकिन ऐसा होता नही है! 
तबादले के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव तथा समाधान
😃😃तबादला किसी भी कर्मचारी के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है। यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों ही तरह से कई तरह के प्रभाव डालता है। आइए तबादले के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करें और इनसे निपटने के उपायों पर विचार करें:
😄😄तबादले के सकारात्मक प्रभाव
 * नए अनुभव: नए स्थान पर जाने से नए लोगों, संस्कृतियों और कार्य पद्धतियों से रूबरू होने का मौका मिलता है, जिससे व्यक्तिगत विकास होता है।
 * कौशल विकास: नए वातावरण में काम करने से व्यक्ति के कौशल और क्षमताओं का विकास होता है।
 * करियर ग्रोथ: तबादला करियर ग्रोथ के नए अवसर प्रदान कर सकता है, जैसे कि पदोन्नति या नई जिम्मेदारियां।
 * व्यक्तिगत विकास: नए स्थान पर रहने से व्यक्ति स्वतंत्र हो जाता है और अपनी समस्याओं का समाधान खुद ढूंढना सीखता है।
🥰🥰तबादले के नकारात्मक प्रभाव
 * तनाव और चिंता: नए स्थान पर जाने से तनाव और चिंता हो सकती है, क्योंकि व्यक्ति को नए वातावरण में ढलने में समय लगता है।
 * परिवार से दूर होना: परिवार से दूर रहने से अकेलापन और भावनात्मक तनाव हो सकता है।
 * सामाजिक जीवन में बदलाव: नए स्थान पर दोस्तों और सामाजिक सर्कल को फिर से बनाने में समय लगता है।
 * कार्यभार में वृद्धि: नए स्थान पर काम का बोझ बढ़ सकता है, जिससे व्यक्ति थका हुआ महसूस कर सकता है।
🤠🤠तबादले के नकारात्मक प्रभावों से निपटने के उपाय
 * सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं: नए स्थान को एक अवसर के रूप में देखें और सकारात्मक बदलावों के लिए तैयार रहें।
 * नए लोगों से मिलें: नए लोगों से मिलने और सामाजिक संबंध बनाने का प्रयास करें।
 * सहायता मांगें: यदि आपको किसी चीज़ में मदद की आवश्यकता है, तो अपने सहकर्मियों या प्रबंधक से मदद मांगें।
 * अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें: नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ भोजन करें और पर्याप्त नींद लें।
 * अपने परिवार के साथ संपर्क बनाए रखें: नियमित रूप से अपने परिवार के साथ संपर्क में रहें।
 * नए वातावरण में ढलने के लिए समय दें: नए वातावरण में ढलने में समय लगता है। धैर्य रखें और खुद पर दबाव न डालें।
संगठन द्वारा किए जाने वाले उपाय
 * ओरिएंटेशन कार्यक्रम: नए कर्मचारियों को नए स्थान और कार्य संस्कृति से परिचित कराने के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित करें।
 * मेंटरशिप प्रोग्राम: नए कर्मचारियों को एक अनुभवी कर्मचारी के साथ जोड़ें जो उन्हें मार्गदर्शन प्रदान कर सके।
 * समाजिक गतिविधियां: नए कर्मचारियों को एक-दूसरे को जानने और कंपनी संस्कृति में शामिल होने के लिए सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
 * खुले संचार चैनल: कर्मचारियों को अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए एक खुला संचार चैनल बनाए रखें।
तबादला एक चुनौतीपूर्ण अनुभव हो सकता है, लेकिन यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए एक शानदार अवसर भी हो सकता है। सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर और उचित कदम उठाकर, आप तबादले के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं और नए स्थान पर सफलतापूर्वक समायोजित हो सकते हैं।
ये खुद का अनुभव है की नये जगह पर पहले वहाँ की माहौल को समझे.वहाँ कार्यरत पुरानी कर्मी की मांसिकता को समझे! भावुक नही हो किसी के बारे में या खुद के बारे में ज्यादा नही बोले. सुनिये सबका करिये मनका.
थोड़ा रुकिए सब्र करिये सब कुछ साफ सुथरा समझ मे आ जायेगा.शुरू मे सबको संदेह की दृष्टि से देखे इसे व्यक्त नही करे मतलब जल्दी किसी की बात मे आकर अपने को संकट मे मत डालिए. याद रखिये नई जगह नई चुनौती.. 


गुरुवार, 5 दिसंबर 2024

unique pic of the period of covid 19

Covid 19 का असर तस्वीर बयाँ कर रहे हैं।घंटाघर भागलपुर   ये खामोशी, वीरानगी,                                                  बस स्टैंड तिलकामांझी                                              उल्टा पुल भागलपुर

गुरु शिष्य

गुरु का दर्शन ही सच्ची शिक्षा है।

शिष्य सदा गुरु की सेवा में लगे रहें।

गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती।

गुरु की कृपा से ही शिष्य को सफलता मिलती है।

शिष्य का धन गुरु, धर्म गुरु, कर्म गुरु है।
👉 गुरु शिष्य परंपरा--

गुरु शिष्य परंपरा एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो शिक्षा एवं ज्ञान के अनुभव को संसार के अधिकांश भागों में सबसे आधुनिक शैक्षणिक संस्थाओं से भी पहले शुरू किया गया था। इस परंपरा के अनुसार, गुरु अपने शिष्यों को अपने अनुभवों और ज्ञान से शिक्षा देते थे। गुरु शिष्य परंपरा का महत्व भारतीय संस्कृति में बहुत ऊँचा है और इसका प्रभाव अब तक आज भी बना हुआ है।
गुरु शिष्य परंपरा के अनुसार, गुरु अपने शिष्यों के जीवन के सभी पहलुओं में उन्हें शिक्षा देते हैं। गुरु अपने शिष्यों को उनकी संस्कृति, धर्म, सामाजिक जीवन और व्यक्तिगत विकास के लिए शिक्षा देते हैं। गुरु शिष्य परंपरा ने हमें एक साथी बनाया है जो हमें अपने जीवन के हर पहलू में सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।what is stress😖
गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत, गुरु का शिष्य को सम्मान देना और उनके उपदेशों का अनुसरण करना भी शामिल होता है
👉 मोबाइल और गुरु शिष्य--
मोबाइल से गुरु शिष्य परंपरा पर क्या क्या असर पड़ा है

मोबाइल फोन ने गुरु शिष्य परंपरा पर कुछ असर पड़ा है। इसे कुछ तरीकों से समझा जा सकता है:

👉संचार के माध्यम के रूप में: मोबाइल फोन ने गुरु शिष्य परंपरा के माध्यम को बदल दिया है। अब गुरु और शिष्य अलग-अलग स्थानों पर होते हुए भी आसानी से संपर्क में रह सकते हैं।

👉ज्ञान के माध्यम के रूप में: मोबाइल फोन ने शिक्षा के माध्यम को भी बदल दिया है। अब शिष्य अपने मोबाइल फोन के माध्यम से अनेक संसाधनों तक पहुँच सकते हैं जैसे कि विभिन्न शिक्षा संस्थानों के वेबसाइट, ऑनलाइन लाइब्रेरी, वीडियो वेबसाइट आदि।

👉संदेशों के माध्यम के रूप में: मोबाइल फोन के माध्यम से शिष्य गुरु से अनेक संदेश प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि सूचनाएं, नोटिस, उपक्रमों की जानकारी, शिक्षण के सम्बन्ध में जानकारी आदि।

👉अध्ययन में उपयोग के माध्यम के रूप में: मोबाइल फोन शिक्षा के क्षेत्र में उपयोगी उपकरण है
मोबाइल और गुरु शिष्य-
मोबाइल का गुरु शिष्य परंपरा पर दुष् प्रभाव (disadvantage) ---

मोबाइल का गुरु शिष्य परंपरा से शायद आप मोबाइल युग के बदलते समय में भ्रमित होंगे। हालांकि, दुस्प्रभाव भी होते हैं, और इस परंपरा के कुछ दुस्प्रभाव निम्नलिखित हैं:English punctuation example

👉स्क्रीन टाइम की बढ़ती मात्रा: मोबाइल फोन के गुरु शिष्य परंपरा से सबसे बड़ा दुस्प्रभाव है कि लोगों के स्क्रीन टाइम बढ़ जाते हैं। यह उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से आँखों में दर्द, असंतुलित नींद और तनाव आदि दिक्कतें हो सकती हैं।

👉समाजिक संचार कौशलों की कमी: मोबाइल फोन के गुरु शिष्य परंपरा से दूसरा दुस्प्रभाव है कि लोग सामाजिक संचार कौशलों की कमी महसूस करते हैं। उन्हें असामाजिक होने का डर लगता है और वे अपनी निजी जिंदगी से दूर हो जाते हैं। इससे उनकी मनोदशा पर भी असर पड़ सकता है।

👉स्वास्थ्य समस्याएं: लंबी समय तक मोबाइल फोन पर देखने से उनके पास लक्ष्य दूर जाने के लिए काम करने की इच्छा कम हो सकता है। 
गुरु शिष्य के कुछ उदाहरण---अरस्तू का गुरु थालेस हुआ करता था। थालेस एक पूर्व यूनानी दार्शनिक और वैज्ञानिक थे जो जीवन के 6वीं और 5वीं सदी ईसा पूर्व में थे। थालेस को नदी नील के पानी में उत्पन्न होने वाली विद्युत शक्ति का खोज करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने ज्योतिष शास्त्र और ज्योतिषीय घटनाओं का भी अध्ययन किया था।
Motivational quotes--
👉"गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है, और ज्ञान के बिना जीवन अधूरा है।" - स्वामी विवेकानंद
Translation: "Knowledge is incomplete without a guru, and life is incomplete without knowledge."

👉"गुरु जैसा नहीं कोई, जो देता है अनमोल उपहार।" - संत कबीर
Translation: "There is no one like the guru, who gives priceless gifts."

👉"गुरु का महत्व वह आकार नहीं रखता जो हम देखते हैं, बल्कि उसके सिद्धांत और उपदेशों में होता है।" - स्वामी चिन्मयानंद
Translation: "The importance of a guru is not in their physical form, but in their principles and teachings."

👉"गुरु और शिष्य का रिश्ता दो पारंपरिक उपासना से कम नहीं है।" - श्रीमद भगवद गीता
Translation: "The relationship between guru and disciple is no less than a traditional worship."

"👉गुरु से सीखो तो विश्वास हमेशा सही जगह रखने का होता है।" - स्वामी विवेकानंद
Translation: "When you learn from a guru, you learn to always keep your trust in the right place."
Disclaimer-- गुरु शिष्य विषयक ब्लॉग विभिन्न क्षेत्रों से संकलित कर आपके लिए आपके समक्ष प्रस्तुत किया है। उम्मीद ही नहीं भरोसा है कि आपको पसंद आयेगा और आप इसे like & forward भी करोगे। Thanx for watching 🙏🌷

represented by qrb

दर्द कम चिंता ज्यादा:- मध्यम वर्ग की जिंदगी

मध्यम वर्ग की ज़िंदगी : दर्द कम, चिंता ज्यादा 🌞 सुबह की शुरुआत सुबह के 10 बजे से पहले रोज़ की तरह मैं स्कूटी से ऑफिस जा रहा था।...