सोमवार, 26 सितंबर 2022

सफरनामा २

       सफरनामा २

घर देर से पहुँचना नहीं पहुँचने से बेहतर है। सफरनामा लिखो मंज़िल मिलने tk

जिदंगी आपकी जरूर है लेकिन आप अमानत अपने परिवार की हो। जिनको आपकी जरूरत है। इसलिए घर से चलकर घर को पहुँचो। 


रोज़ लाखों करोड़ों लोग दिन रात सफर में रहते हैं। हम जब सो रहे होते हैं तब भी सफर 24×7 चलता रहता है। क्युकी चलना ही जिंदगी है। जब हम अपने घर से किसी अन्य स्थान या गंतव्य तक या मंज़िल तक किसी भी माध्यम से( पैदल, ट्रेन, हवाई जहाज, बैलगाडी  ) एक निश्चित दूरी तय करते हैं यही प्रक्रिया सफर ,यात्रा कहलाता है। और हम मुसाफिर या यात्री। रास्ते पर चलना भी सफर ही है।सड़क दुर्घटना में जरूरत मंद का मदद करे

जिंदगी भी एक सफर है जो जन्म से शुरू होती है जिंदगी के अनेको भूमिका निभाना, सुख दुःख झेलना, कर्म करना रास्ते है जिंदगी के जो अनुभव दिलाता है और इस यात्रा का अंत मृत्यु को प्राप्त होना है। 

खैर हम एक दिन भागलपुर से पटना जा रहा था। वो भी सड़क से और कार मारुति से। चुकी मुझे गाडी चलाने से डर लगता हैं। और तेज गति से भी। हम सपरिवार थे। सुबह सुबह निकल गए। तेज धूप थी, गर्मी भी बहुत थी। गाडी भी छोटी थी। सभी लोग आपस में बातचीत करते हुए जा रहे थे। गाडी मे गाना धीमे आवाज़ मे बज् रहा था। गाडी नॉर्मल स्पीड में थी। सुलतानगंज पहुँचे वहाँ बीच बाजार में काफी जाम था। गाडी की लम्बी कतार थी। 

यातायात के महत्वपूर्ण 10 नियम

Very important 10 Traffic Rules in Hindi | Yatayat Ke Niyam

1:- एम्बुलेंस को पहले रास्ता दे

2 :- गलत तरीके से या निषेध जगह पर वाहन पार्किंग ना करे

3 :- वाहन चलाते समय दुसरे वाहन से रफ़्तार की कम्पटीशन न करे

4 :- अकारण हॉर्न न बजाये, आपको ही नही आपके आगे वालो को भी जल्दी जाने की जल्दी रहती है

5 :- Traffic Signal के अनुसार वाहन चलाये

6 :- गाड़िया चलाते समय हाथ के सिग्नल का भ उपयोग करे

7 :- निश्चित और नियंत्रित गति से ही वाहन चलाये

8 :- चौराहे, यु-टर्न, भीड़भाड़ वाले इलाको में गाड़ी धीमी गति से ही चलाये

9 :- सीट बेल्ट, हेलमेट का उपयोग जरुर करे, ये सभी चीजे हमारी सुरक्षित यात्रा के लिए ही बने होते है

10 :- अपने वाहन से कही की भी यात्रा करने से पहले अपने ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन के जरुरी कागजात अपने साथ जरुर रखे

तो ऐसे आपकी थोड़ी से सावधानी के यात्रा करना आपके साथ कितने लोगो की जान को सुरक्षित बना सकते है तो हर किसी को यातायात के सभी नियमो को अच्छे तरीके से जरुर पालन करना चाहिए और Traffic Rules को पालन करने के लिए दुसरो को प्रेरित और इसके फायदे के बारे में जरुर समझाना चाहिए तभी आप अपने आप के साथ इस देश को भी दुर्घटना रहित सुरक्षित देश बना सकते है/

सुबह का समय था युवक /युवतियाँ स्कूल, कlलेज, ट्यूशन वगैरह पढ़ने जा रहे थे कुछ महिलाएं पूजा करने मंदिर तो कुछ गंगा स्नान् करने जा रही थी। कुछ लोग सब्जी मंडी में खरीददारी कर रहे थे। इनके तरह तरह के परिधान इनपे काफी आकर्षण ला रही थी। बहुत सुंदर नजारा था। हमलोग थोडी देर में आगे निकल गए। लगभग लाखिसराॅय पहुँचे। अब डेरैवर (driver) भी अब उबने लगा था। बीच बीच में गाडी तेज गति से चलाता। तभी अचानक कुछ दूरी पर देखा की एक गाडी motorcycle accident कर गया है। भीड़ जमा है। बहुत सारे लोग हैं । पति -पत्नी और एक मासूम बच्चा रोड पर अचेत गिरा हुआ था। सिर्फ बच्चे को होश था। 

शायद माँ की ममता और दुआ ने इस बच्चे को सुरछित रखा। माँ और बाप दोनों बेहोश थे। हमलोगो ने गाडी रोका। उतरकर first aid medical treatment दिये। क्युकी हमारे घर में रिश्ते में पlरlमेडिकल् स्टाफ उस समय गाडी मे मौजूद थी। फिर उनके घर को सूचित किया चुकी हमलोग को जल्दी पहुँचना था। इसलिए आगे बढ़ गया,safe drive save life,चेक, कॉल, केयर को अपनाएंघर से निकलें घर पहुँचने के लिए

एक्सपर्ट बताते हैं कि सड़क हादसे के बाद इस तीन प्रक्रिया को देखना चाहिए। पहला चेक आता है, जिसमें देखा जाता है कि मरीज ठीक है या नहीं, अच्छे से सांस ले रहा है या नहीं, सुरक्षित है या नहीं।queen raj blogger presented 

 लाइफ सपोर्ट में इस तरीके को आजमाएंआसपास देखेंकहीं आग तो नहीं लगने वाली, पेट्रोल लीकेज तो नहीं, शॉर्ट सर्किट की समस्या तो नहीं, यदि हो रही है तो तमाम घायलों को उस स्थान से दूसरी स्थान पर ले जाएंघायल व्यक्ति के पास जाकर बात करेंl एक हाथ कंधे पर रखकर सवाल करेंl आप ठीक हैं या नहीं, गर्दन न पकड़ें, क्योंकि हादसे में गर्दन के चोटिल होने की संभावना अधिक होती हैयदि मरीज जवाब नहीं दे रहा है तो एंबुलेंस व जान परिचित को फोन करेंअब मरीज की नाड़ी की जांच करें, इसके लिए गर्दन के नीचे दाएं तरफ दो अंगुली रखकर आठ से 10 सेकेंड तक देखें कि मरीज की सांस चल रही है या नहीं। जनहित के लिए कारगर। 

सबसे पहले  डॉक्टर बताते हैं कि सड़क हादसों के बाद ब्लीडिंग होने की सबसे ज्यादा केस देखने को मिलते हैं। यदि आपके आसपास भी कहीं कोई हादसा हुआ हो तो आप देखें कि मरीज का खून तो नहीं निकल रहा है। इसके लिए आपको उस जगह पर साफ कपड़े को लपेट देना चाहिए। ताकि ब्लीडिंग बंद हो। 

तभी हमने अचानक सोचा की सड़क पर जान कितनी सस्ती है और समय कितना महत्वपूर्ण है। की चंद लम्हों में किसी की जान चली जाती हैं तो कोई उसी चंद लम्हों के कारण बच जाता हैं। बेचारा के रिश्ते के लोग इंतज़ार कर रहे होंगे उनको क्या पता की ये इंतज़ार इंतज़ार ही रह जायेगा। लोग घर से रोड होते हुए छोटी सी मानव भूल के कारण चंद लम्हों में मृत्युलोक के रास्ते पर चल पड़े है। सबकुछ छोड़ कर। जब वो घर से निकले थे तो उनको क्या पता होगा। इसलिए सड़क पर सावधानी हटी दुर्घटना घटी। आप उतना ही तेज गाडी चलाओ की गाडी पर आपका कंट्रोल अचानक भी हो जाए। लेकिन अगर आपका कंट्रोल हटा तो सड़क आपको कंट्रोल करके हॉस्पिटल के रास्ते यमलोक भेज देगी।  इसलिए कहता हूँ देरी से पहुँचना ठीक है अच्छा है। नही पहुँचने से। किसी की इंतज़ार और आस हो आप। उसे अधूरा मत छोड़ो। खुद की नही परिवार की सोचो। Slow drive, safe drive, save your life
Disclaimer--self felling, self thought,