शुक्र है ईश्वर शमशान में सब का बिस्तर एक जैसा ही है। और कफन का भी ब्रांड नही है। यहाँ अमीर गरीब सब एक समान है🙏
दुनिया में दो ही सत्य है एक जन्म दूसरा मृत्यु। जो जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी तय है। खाली हाथ आना और खाली हाथ जाना धन संपत्ति रिश्ते नाते यहाँ तक की ये शरीर भी साथ नही जायेगा। सबकुछ यहाँ ही रह जायेगा। https://queenrajthoughthindi.blogspot.com/2022/09/blog मिट्टी का शरीर मिट्टी में मिल जायेगा। रह जाती हैं सिर्फ कर्म, और यादें और गम ,दुःख के आँसू। जिसकी जितनी जरूरत जितना स्वार्थ उसको उतना दुःख।हाँ कुछ रिश्ते है जो स्वार्थ और लोभ से उपर होता है। बाकी सब मोहमाया है मृगत्रिष्णा है। हमने देखा मृत व्यक्ति को उठाने मे और जीवित व्यक्ति को गिराने मे लोगों की एकजुटता दिखती हैं।well think well behave
शव यात्रा मे लोग अपनी औक़ात के मुताबिक साधन का उपयोग करते हैं। कोई पैदल ही पाँच दस लोग के साथ शमशान यात्रा करते है। तो कोई अपनी व्यक्तिगत गाडी से भीड़ यात्रा पुरा करता है। अमीरी गरीबी सब घाट पर जाकर समाप्त हो जाता हैं। ऐसे अर्थी भी सबके लिए बांस और मार्किन् का ही होता है। इसका कोई ब्रांड नही। हाँ थोड़ा सजावट में कम बेस देखा जा सकता हैं। वो भी गंगा किनारे एक समान हो जाता हैं। चिता का स्थान घाट किनारे, जलाने के लिए लकड़ी, गंगा का पानी, और कफन और आग सभी के लिए एक समान क्या अमीर क्या गरीब। अमीर हो या गरीब जाना बिना कपड़ो के ही है। (नोट- जन्म भी बिना कपड़ो के, सभी को एक समान हाथ पैर, और शरीर) ईश्वर के नज़र में सब एक समान है।
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