परिवार (एकल/संयुक्त)
परिवार क्या है।
क्लेयर के मुताबिक---परिवार से हम संबंधों की वह व्याख्या समझते हैं जो माता- पिता तथा उनके संतानो के मध्य पाई जाती है। एक छत के नीचे जब कई लोग एक साथ रहते हैं। और आपस में संबंधी रहते हैं। वो संबंध रक्त का, भावना का, रिश्ता का होता है। सभी मिलजुलकर खाना- पीना , सोना, जागना,सुख दुःख में एक दूसरे का साथ देते हैं। वही परिवार होता हैं। समाजीकरण का आरंभ परिवार से ही होता है। परिवार द्वारा छोटे बच्चों में आत्म अनुशासन तथा समाज़िक् गतिविधि की रुचि बढती है।
1, परिवार एक स्थायी संस्था के समान है। आप ये भी पढ़े- सकारात्मक और नकारात्मक
2, बच्चों की पहली पाठशाला है।
3, परिवार लैंगिक संबंध पर आधारित होता है।
4, मानव समाज़ की आधारभूत तथा सर्वाधिक महत्वपूर्ण हिस्सा है परिवार।
5, परिवार रक्त संबंध पर आधारित होता है।
पेस्टालlजी__ परिवार प्यार और स्नेह का केंद्र है और बच्चों का प्रथम पाठशाला है❤।
Family(english) =Famulus(latin) =servent
लैटिन भाषा में परिवार मे माता- पिता, बच्चे, नौकर और गुलाम भी आते हैं। जबकी समान्य रूप से परिवार मे माता पिता और बच्चे को शामिल किया जाता है।
परिवार के प्रकार ,१,--रहने वाले के आधार पे।( a) संयुक्त परिवार( b) एकाकी परिवार ,२,--सामlजिक, आर्थिक गतिविधि के आधार पर( a)गतिशील परिवार( ब) रूढ़िवादी परिवार। । । संयुक्त परिवार-- इसमें कई पीढी के लोग एक साथ एक छत के नीचे निवास करते हैं। ये वृहत परिवार होता है इसमें ज्यादा सदस्य रहते हैं। इसमें दादा- दादी, चाचा- चाची, बुआ, माता- पिता तथा उनके संतान रहती है। एशिया के कई देशों में विस्तृत या संयुक्त परिवार रहते हैं। ऐसे परिवार का सही और सटीक परिभाषा देना कठिन है जो समाज़ के हर वर्ग में सटीक बैठती हो।।
ऐसे हम भी संयुक्त परिवार मे ही रहा हूँ। हमने परदादा और पर नाना मतलब अपने से उपर तीन पीढी को देखा है उनके साथ रहा हूँ। पिता के पिता=दादा। मुझे याद है वो पौष का महिना सुबह सवेरे प्रदादा के साथ बोर्सी की आग के पास बैठे हुए रामायण, महाभारत के खिस्से सुनना। वो मंत्र का ज्ञान। वो कहानी। घंटो रमे रहते थे हम ना भूख न प्यास। अजब का नशा था। अगर माँ पिताजी के द्वारा डांट पडी तो दादा लोग बचा लेते थे। समय कैसे बीत जाती थी पता नहीं चलता था। कभी तनाव, अकेलापन, महसूस ही नही हुआ। वो समय याद करके मन तरो ताजा हो जाता हैं। सभी लोग मिलजुल के साथ रहते थे। सभी का काम बाँट दिया गया था। किसी को किसी भी तरह की दिक्कत होती थी तो सभी लोग मिल बैठ के उनको सहारा देते थे।जटिल समस्या का समाधान बड़े बुजुर्ग आसानी से अपने अनुभव से कर दिया करते थे। जो बिल्कुल सटीक निर्णय होता था। हमलोग सभी भाई बहन मिलाके दस बारह बच्चे थे। चचेरे फूफेरे मिलके।सभी साथ ही रहते थे। समय के साथ सभी अलग अलग होते चले गए। आज वो घर वीरान पड़ा है। विश्वास नहीं होता वही घर है। क्युकी आजकल तो एक आदमी पे एक कमरा भी काफी नही है। क्युकी पहले वाली बात नही है। बटवारा भाई भाई का
"" दीवार की किसी खोखल मे पीपल का पत्ता उड़ता हुआ बैठ जाता हैं और किसी को पता नहीं चलता--कहाँ से हवा आई थी, इंटो के किस दरार् मे एक बीज़ उड़ता हुआ दुबक आया था। मिट्टी और गारे के भीतर् एक हल्की सी सिहरन उठी और महीनों बाद जहाँ टूटी दीवार थी, वहाँ हरे पेड़ लहरा रहे थे।। Nv
संयुक्त परिवार के मुखिया दादा जी हुआ करते थे। ये परिवार समाज़िक् जीवन की महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें समाज़िक् संबंध सिर्फ व्यक्ति तक नहीं परिवार से भी होते हैं। इसी पद्धति में एक गाँव से दूसरे गाँव के परिवार को उत्सव, शादी etc मे सपरिवार का आमंत्रण भेजा जाता था। कुछ खामी भी होती हैं संयुक्त परिवार मे ,१,ये पितृसतात्मक् परिवार होता है। २, महिलाओं को कुछ मामले मे नज़रंदाज़ भी किया जाता है। इनको कभी कभी घर के सारे काम करने पड़ सकते हैं। जिनसे इन्हे खुद पे ध्यान देने का मौका नहीं मिलता है। माँ का चुंबन और पिता की डांट
फिर भी संयुक्त परिवार ही बेहतर होता है। लेकिन अब ये प्रचलन लगभग समाप्त हो रहा है। संयुक्त परिवार कम होते जा रहा है। लोगों मे लोभ, लालच, इर्ष्या, भाव बढ़ गया है। रिश्ते और रिश्तेदार फायदे और जरूरत तक ही सीमित है। हाल चाल, व्यवहार, अतिथि देवो भवह; लगभग समाप्त हो गया है। लेकिन इसका खामियाज़ा सभी भुगत रहे हैं। लोगो से बात करने वाले की कमी है। तनाव मे जी रहे हैं लोग। बेचैन है। रोग ग्रस्त और तनाव ग्रस्त हैं लोग। आपलोग को क्या पसंद है एकाकी या संयुक्त परिवार।
मेजिनी के अनुसार- परिवार मे बालक नागरिकता का प्रथम पाठ माता के चुंबन और पिता के देख -रेख और अनुशासन से ही सीखता है। संरक्षण में सीखता है।
div>Disclaimer-- मैने ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिश की है। जो अनेको माध्यम और खुद के अनुभव से संकलित है। उम्मीद नहीं विश्वास है की आपलोग को पसंद आयेगा।
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