बुधवार, 21 सितंबर 2022
भाई और बँटवारा
भाई और बँटवारा
संपत्ति बाटें मन नही
घर नही माता पिता के रहने तक
माता पिता को नहीं बाँटे साथ रहने दें
कुदरत ने भाई को भाई का साथ देने साथ रहने ,सुख दुःख का साथी, आपस मे प्यार से रहने के लिए भेजा। लेकिन लोभ ,लालच, स्वार्थ, इर्ष्या ने इस रिश्ते को भी दागदार कर दिया। भाई बना था सुख दुख के साथी के लिए लेकिन ये सुख दुःख नही जमीन, रुपए, घर यहाँ तक की माता पिता को को भी अलग अलग रख के बटवारा कर लेते हैं। माँ मेरी और पिता तुम्हारी ओर। भाई अब बटवारा करने लगे है।बचपन में एक-दूसरे का ख्याल रखने वाले भाई-भाई का रिश्ता…जो कभी चेहरा देखकर और आवाज़ की लय सुनकर एकदूसरे की परेशानी भांप जाने वाले होते थे…वही भाई-भाई का रिश्ता न जाने क्यों जब उनकी शादी हो जाती है…तो अपनी पत्नी के साथ रहते हुए एक दूसरे की चिंता को भांप कर भी अनदेखी कर देते हैं…। लेकिन सम्बन्ध को निभाना” एक साधना जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है…ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है…ईश्वर “और अपनी “अंतरआत्मा” और हैरानी की बात है कि दोनों नजर नहीं आते एक बात और जब हम खुद को
घरपरिवार, भाई का बँटवारा, माँ बाबूजी की मजबूरी समझ लेते है तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि l इसमें अगर एक भाई थोड़ा सीधा कम बुद्धि का रहा तो चालांक और तेज तर्रार भाई इसको कम बुद्धि वाले को साथ नही देता बल्की सिर्फ हड़पनीति के तहत उसको गलत साबित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ता है। भाई माँ पिता को साथ रहने दो दोनों उनके पास जाके उनकी सेवा करो। उनपे बंदिश मत लगाओ। साधारण बात को भी उलझाके झूठ फरेब बोलके गलत तरीका से पेश मत करो। ,,,,रावन जबहि विभीषण त्यागा, भयहु विभव बिन तबहिं अभागा """ रावण को तभी अभाग्य नें घेर लिया जब उसने विभीषण को त्यागा ।राम जीते क्योंकि भाई साथ में था । रावण हारा ही इसीलिए क्योंकि भाई नें साथ छोड़ दिया ।लेकिन धर्म में सही मार्ग पर।
सोमवार, 19 सितंबर 2022
घर सँवारे (कोनमेरी मेथोड)
घर सँवारे (konmerimethod)
त्योहार का महीना आने वाले है दुर्गापूजा, दिवाली घर की साफ सफाई इस बार konmerimethod से करे और अद्भुत सुख शांति अनुभव करे। और अपने सपनो के घर को बिल्कुल नया लुक दे।
साफ सफाई तो सभी करते हैं । लेकिन फिल्हाल konmerimethod method काफी चर्चित है। इसमें आप लोकेशन नही कैटेगरी के आधार पर साफ सफाई करे। कम मेहनत मे ज्यादा काम।गोड्रेज खचाखच् कपड़ो से भरा हुआ फिर भी पहनने को वस्त्र चुनाव में उधेड़बुन, इस समस्या का समाधान के लिए आए चलते हैं konmerimethod पे।
आजकल शॉपिंग जरूरत कम फैशन ज्यादा हो गया है। शॉपिंग के बहाना चाहीये। जबकी फैशन और ट्रेंड रोज़ बदल रहा है। रिश्ते नाते, शादी, कहीं जाना है गोड्रेज खचाखच् कपड़ो से भरी हुई हैं। पहने कौन समझ नहीं पा रही हैं। चुकी महिलाएं फैशन और कपड़ो की शौकीन होती हैं। शॉपिंग की भी। 🙏कारण कपड़ो के भंडार। इस से निजात के लिए konmerimethod अपनाईये। ये एक जापानी method मेरीकांडों नामक जापानी नागरिक द्वारा खोज की गई है। 2014 में एक किताब द लाइफ चेंजिंग मजिक ऑफ टाइडिंग अप के द्वारा चर्चित हुई। और आज कई देशों में इसको अपनाया जा रहा है। जो काफी हद तक सफल उपयोग साबित हुई है। ये method घरों के सभी समान को व्यवस्थित रखने के तरीके पे आधारित है। जैसे- कपड़ा, किताब, जूते, पेपरअप्स, ये method घरों में पड़े बेकार समानो से छुटकारा दिलाता है। इसमें जमाखोरी मना है।
शुक्रवार, 16 सितंबर 2022
सकारात्मक और नकारात्मक
सकारात्मक और नकारात्मक सोच का प्रभाव समान्य जिंदगी में।
अत्यधिक प्रेम मे लोग अंधे हो जाते हैं सोचने समझने की शक्ति को खो देते हैं और सही वक़्त पर सही निर्णय नही ले पाते।
सोमवार, 12 सितंबर 2022
😊मासूमियत और बेबसी ☺
मासूमियत और बेबसी🌹 मसुमियत एक फारसी शब्द है जो एक व्यक्ति या स्थान की सौंदर्य और सुंदरता की भावना को व्यक्त करता है। इस शब्द का अनुवाद "खूबसूरती", "मनमोहकता", "सुंदरता" या "मनोहरता" होता है। यह शब्द आमतौर पर किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या समूह की सुंदरता, सौंदर्य और आकर्षण की अभिव्यक्ति के लिए उपयोग किया जाता है।
यह शब्द भावनात्मक रूप से विशेष रूप से महसूस की जाती है और वहाँ से अनुभव की जाती है। इसलिए, मसुमियत की परिभाषा सटीक नहीं होती है क्योंकि यह लोगों द्वारा भावनात्मक रूप से महसूस की जाने वाली एक अनुभूति होती है। Quora पर आयें। दिलचस्प बातें बेबसी एक हिंदी शब्द है जो एक व्यक्ति या स्थिति के लिए उसकी कमजोरी या असमर्थता को व्यक्त करता है। यह एक ऐसी स्थिति हो सकती है जब व्यक्ति को कोई समस्या या मुश्किल का सामना करना पड़ता है जो उसे हल नहीं करने में सक्षम बनती है। इस शब्द का उपयोग अक्सर किसी व्यक्ति की दुखद अवस्था या कमजोरी को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। इसे अंग्रेजी में 'helplessness' भी कहते हैं।
एक करतब दिखाकर अपना और अपने परिवार की भूख मिटाता मासूम बच्चा। गुमनाम जिंदगी जीने को मजबूर।
आज दिन में कुछ जरूरी काम से घर से निकला चुकी मौसम काले घने बादलों से भरा था हवाएं चल रही थी आज गर्मी और उमस से राहत मिल रही थी। रिमझिम रिमझिम हल्की हल्की बारिश मौसम को और सुहाना बना रहा था। पैदल ही चल रहे थे । बाजार मे क।फी चहल पहल थी। शायद 01:00 बजने को था। स्कूल में छुट्टी का समय। सभी बच्चे अपने -अपने अभिभावक के साथ घर आने की जल्दी बाजी मे थे। कोई कार से, कोई motorcycle, कोई इलेक्ट्रिक रिक्शा, तो कोई पैदल ही घर जा रहे थे। अलग अलग स्कूल के बच्चे सभी का ड्रेस कोड भी अलग अलग लग रहा था लेकिन बहुत सुंदर नजारा था। तभी एक स्कूल के सामने करतब दिखाने की तैयारी करता एक गरीब बेबस बच्चे और उनकी माँ दिखी।
मैले पुराने कपड़े पहने एक लगभग 6(six) वर्ष की छोटी मासूम लड़की और उसकी माँ भी पुरानी साडी पहने दोनों स्कूल में छुट्टी होने का इंतज़ार कर रही थी। दोनों तरफ तीन डंडा का पाया और बीच में एक रस्सी बंधी थी इसी पे उस छोटी बच्ची को चलना था यही करतब दिखाना था।⛄🧚♂️छुट्टी के घंटी की आवाज़ स्कूल से बाहर आई तो इन् दोनों को बहुत खुशी हुई। ,,,जबकी मेरे मुताबिक छुट्टी के समय स्कूल के बच्चे घर जाने की खुशी में हँसते मुस्कुराते चेहरों के साथ बाहर निकलते है। अपनी पसंद का समान लेते हैं और घर जाते है खेलते कुदते कार्टून देखते हैं। खाते पीते हुए घर जाते हैं। किसी को शाम मे चिड़ियाघर जाने की खुशी तो किसी को पार्क जाने की तो किसी को बाजार जाने की।,,,,,,
लेकिन वो गरीब बच्ची और बेबस माँ इनको देख के खुश हो रही थी। शायद इस लिए की यही बच्चे और इनके साथ आये अभिभावक को करतब दिखाकर कुछ पैसे मिल जाएंगे। रहने का तो ठिकाना नहीं लेकिन खाने को दो वक़्त की रोटी और तन ढकने के लिए कपड़े का इंतज़ाम होगा। हुआ भी। दोस्त तो कमीना होता है 😃
छुट्टी हुई करतब शुरू छोटी बच्ची हाथ मे डंडा लिए रस्सी पे चलने लगी, माँ चिल्ला चिल्लाकर लोगो से करतब के बारे में बोल रही थी। और रुपिया दस रुपिया मांग भी रही थी। आँचल फैला के सभी दर्शक रूपी बच्चे और उनके अभिभावक के पास जा रही थी। लोग पैसा देने भी लगे। हमने भी 50 (पचास) रुपिया दे दिया। लगभग 10 मिनट वो बेबस बच्ची रस्सी पे बिना सहारे के चली। फिर खेल खत्म सभी बच्चे घर जाने लगे ये दोनों पैसा गिनने लगे और शायद ये सोच रहे हो की आज अच्छा कमाई हो गई। खाना अच्छा मिलेगा। लेकिन क्या इस बच्ची को स्कूली बच्चे को देख के कोई फीलिंग नही होता होगा। क्या ये सपने नही देखते होंगे। लेकिन लाचारी बेबसी और गरीबी ने इस मुकाम पर लाके खड़ा कर दिया है। किस्मत का खेल निराले। कहीं धूप कहीं छाँव। किसी के द्वारा बेमतलब खर्च की गई राशि के समतुल्य कोई दिन भर में नही अर्जित कर पाता है। कोई स्वाद के लिए खाता है तो कोई पेट भरने के लिए। कोई फैशन और style के लिए कपड़े पहनता है तो कोई किसी तरह अपने बदन को ढकने के लिए। खैर जिंदगी संघर्ष है कुदरत का खेल वही जाने।reading urgent
मासूमियत और बेबसी
जब एक व्यक्ति किसी बुरे कर्म के शिकार होता है या वह किसी बुरे समूह के अभिभावकों के दबाव में होता है, तो उसे बेबसी महसूस होती है। यह अपने आप में एक दुखद अनुभव होता है जो एक व्यक्ति की निर्ममता और निराशा का परिणाम होता है। यह आदमी को उसकी स्वतंत्रता और अधिकारों से वंचित कर देता है, जिससे वह अपने आप में असुरक्षित और निर्बल महसूस करता है।
इसलिए, मासूमियत बेबसी में बदल जाती है जब किसी व्यक्ति या समुदाय द्वारा अनुचित और अन्यायपूर्ण तरीके से व्यवहार किया जाता है।
Disclaimer-- only for reading, watching & like forward. It's collected by many digital platforms & some self fellings.
रविवार, 11 सितंबर 2022
🐇जीवन आनंद 🦢
जीवन आनंद
जीवन आनंद का अनुभव व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उसे एक सकारात्मक दृष्टिकोण देता है, जो उसके जीवन को और भी उत्तेजित करता है। इसके अलावा, जीवन आनंद का अनुभव व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्वस्थता के लिए भी बहुत लाभदायक होता है।
जीवन आनंद का अनुभव हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है। इसे प्राप्त करने के लिए, व्यक्ति को अपने जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में खुशी और संतुष्टि की तलाश करनी चाहिए।
शनिवार, 10 सितंबर 2022
🌦पितृ ऋण की एहमियत 🪐⛈️
सफरनामा
अजनबी से बातचीत सफर में।
यदि आप अपने सफर में किसी अजनबी से बातचीत करना चाहते हैं, तो अब से बाहर निकल जाएँ और अपनी वाणी और हँसी लेकर आगे बढ़ें। यदि वे भी आपसे बात करना चाहते हैं तो बातचीत शुरू करने में कोई समस्या नहीं होगी। आप उनसे उनके देश या शहर के बारे में पूछ सकते हैं, उनकी कला, संस्कृति और रुचियों के बारे में जान सकते हैं, या फिर वे आपसे अपने बारे में बता सकते हैं।relationship
अजनबी से बातचीत के फायदे
नए विचारों का अनुभव: अजनबी से बातचीत करने से नए विचारों और जीवन दृष्टियों का अनुभव होता है। यह आपको बढ़ते हुए दुनिया के साथ जोड़ता है।
संभावनाएं बढ़ाना: अजनबी से बातचीत करने से आपके लिए नई संभावनाएं खुलती हैं। यह आपकी करियर या व्यवसाय में समावेशीता का मार्ग खोलता है।
समझदारी बढ़ाना: अजनबी से बातचीत करने से आपकी समझदारी और सामाजिक ज्ञान में वृद्धि होती है। यह आपको संस्कृति, भाषा और दृष्टिकोणों की समझ में मदद करता है।
भावनाओं को समझना: अजनबी से बातचीत करने से आपको भावनाओं की समझ में मदद मिलती है। यह आपको विभिन्न लोगों के अनुभवों से रूबरू कराता है और आपके विचारों को विस्तारित करता है।
विश्वास का मार्ग खोलना: अजनबी से बातचीत करने से आप लोगों में विश्वास और संबंधों को बनाने के मार्ग खोल सकते हैं।
सावधान अजनबी से बातचीत
अजनबी से बातचीत के दौरान सावधानीजब आप अजनबी से बातचीत करते हैं, तो आपको अपनी सावधानी बरतनी चाहिए। यहां कुछ टिप्स हैं जिन्हें आप ध्यान में रख सकते हैं:अपनी निजी जानकारी साझा न करें: अजनबी के साथ बातचीत करते समय, आपको अपनी निजी जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए। उनसे आपके संबंध में ज्यादा जानकारी शेयर न करें, जैसे कि आपका घर कहां है या आप किसी अन्य व्यक्ति के साथ कितने लोग रहते हैं।
संभवतः वास्तविक नहीं हो सकता है: अजनबी से बात करते समय, आपको समझना होगा कि वे संभवतः वास्तविक नहीं हो सकते हैं। आप उनकी पहचान नहीं जानते हैं और उनकी बातों की सत्यता की गारंटी नहीं हो सकती। इसलिए, आपको जो भी बात करनी हो, उससे पहले सत्यता की जांच करनी चाहिए।
अपने संदेश को स्पष्ट करें: अजनबी से बातचीत करते समय, आपको अपने संदेश को स्पष्ट करने की जरूरत होती है। आप जो कुछ बोलते हैं, उसे स्पष्ट तरीके से बोलें
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