बुधवार, 19 अक्टूबर 2022

डेंगू महामारी या बीमारी

           डेंगू महामारी या बीमारी(इसे भी जाने आस्था का केंद्र तिलडीहा शक्तिपीठ

डेंगू(dengue) वायरस युक्त मच्छर जब किसी (सावधान रहे सुरक्षित रहे )व्यक्ति को काटता है तो इसके डंक के माध्यम से डेंगू वायरस व्यक्ति के शरीर में पहुँच जाते हैं और कुछ एक दो दिन में ही डेंगू अपना असर उस व्यक्ति पर दिखाने लगता हैं। और अचानक तेज बुखार के साथ शुरू होता है। डेंगू मादा एडीज एजिप्टि नामक मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर छोटा और गहरे रंग का होता है। यह उपर नही उड़ सकता है। यह अधिकांशतः टखना या केहुनि पर काटता है। जीवन संघर्ष है

डेंगू के लक्षण---- इसमें ठंढ के साथ तेज बुखार आता है जो 104f या 105f के आस पास रहता है। कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार है। 1. सिर मे तेज दर्द 2. जी मिचलाना 3. उल्टी आना 4. हड्डियों और मांशपेशियों और जोड़ों में दर्द 4. आँखों के पीछे दर्द 5. ग्रंथियों मे सुजन 6. गले में दर्द 7. मुँह का स्वाद बदल जाना या तीता लगना 8. त्वचा पर लाल चकता 8. गंभीर हालत में नाक, त्वचा या मुँह से खून आना। 9. बहुत ज्यादा कमज़ोरी लगना sucesstips of relationship

डेंगू कब ज्यादा सक्रिय होता है------ डेंगू मच्छर गड्ढे या बर्तन या फ्रीज़, एसि के जमे पानी में अपने अंडे देती है। प्रजनन करती है। ये हर तीन  दिन पर अंडे देती है। इसकी उम्र लगभग 6 से 8 सप्ताह तक होती हैं। ये सूर्योदय के दो घंटे बाद से सुर्यअस्त के कुछ घंटे पहले तक ज्यादा सक्रिय रहता है। इसी अवधि में ज्यादा डंक मारने का खतरा रहता है। ये july से october तक ज्यादा सक्रिय होता है। और ये ज्यादा उपर नही लगभग 3 या 4 फीट ऊंचा तक ही ज्यादा सक्रिय हो सकता है। how do manage cholestrol

डेंगू के काट लेने से क्या होता है--- काटने के बाद तेज ठंढ के साथ तेज बुखार आता है। दो से तीन दिन में खून में उपस्थित प्लेटलैटस् घटने लगता है वो भी तेजी से। जबकी समान्य व्यक्ति के शरीर में डेढ़ लाख से दो लाख या ढाई लाख के लगभग प्लेटलैटस होता है। जो घटके चालीस हजार या उससे भी कम हो सकता है। उपरोक्त लक्षण मच्छर काट ने के बाद का ही है। संकट में घबराये नही हिम्मत और साहस से काम ले

डेंगू कितने प्रकार के होते हैं। ----- मुख्य रूप से तीन प्रकार 1 .साधारण डेंगू या क्लासिकल स्टेज-- ये पहला और साधारण स्टेज है। इसको अगर नज़र अंदाज़ किये तब  ही  आगे गंभीर लक्षण और जानलेवा साबित हो सकता है। अगर इसी स्टेज मे सही समय पर उचित चिकित्सा सेवा मिल जाए और कुछ सावधानी के साथ देखभाल हो तो मरीज़ आसानी से ठीक हो सकता है। उपर के समान्य लक्षण इसी स्टेज से आते हैं। अगर इसको नज़र अंदाज़ किये तो ये 2nd स्टेज डेंगू हेमरेज़िक् बुखार DHF मे परिवर्तित हो जायेगा जो काफी खतरनाक स्टेज होता है। इसमें खून में उपस्थित प्लेटलैटेस् तेजी से घटने लगता हैं। इसमें मरीज़ के शरीर पर गहरे नीले काले रंग के छोटे या बड़े चकते देखे जा सकते हैं। कोशिश ज्यादा से ज्यादा यही करे की समय पर इलाज और जाँच पहले स्टेज मे ही हो। तुरंत बिना विलंब डॉक्टर से संपर्क किया जाए।, 3. डेंगू शॉक सिंड्रोम-- ये सबसे ज्यादा खतरनाक स्टेज होता है। इसमें शॉक जैसे लक्षण दिखते हैं। ये जानलेवा स्टेज है। इसमें ब्लड प्रेशर, पल्स वगैरह अचानक बहुत ज्यादा घट जाती है। बेचैनी बहुत बढ़ जाती है। ये स्टेज लम्बी अवधि तक बीमारी को नज़र अंदाज़ करने से होता है। ये लापरवाही का नतीजा है। पहले समान्य स्टेज और लक्षण को छोड़ कर सभी स्टेज मे तुरंत नज़दीकी अस्पताल या डॉक्टर से सम्पर्क करे। welcome my channel

डेंगू किसको ज्यादा प्रभावित करता है-- समान्यतः दस वर्ष के बच्चों को ज्यादा और कमज़ोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति को। 

बुखार आने पर क्या करे-- तत्काल अगर तेज बुखार हो तो चिकित्सक के कहे अनुसार tab pcm ले। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दे। हैड्रोथेरेपी कर के बुखार कंट्रोल करे। Ors, शरबत ले। तुरंत नज़दीकी हॉस्पिटल सम्पर्क करे और जाँच करवाये। भूखे पेट नही रहे हल्का भोजन लेते रहे। 

डेंगू मे खान- पान परहेज--- चुकी डेंगू मे platelate घट जाता हैं इस लिए गिलोय और ऐलोवरा को नियमित रूप से सुबह शाम उचित मात्रा में सेवन करे। ये platelates घटने नही देगा। पपीता का पत्ता का रस भी तुरंत platelates बढ़ाता है। कुछ फल और सब्जी 1. नारियल पानी २. किवी ३. अनार ४. पपीता ५. स्ट्राबेरी ६. चुकन्दर का जुस ७.दूध ८. प्रोटीन युक्त भोजन। ९.  कच्चा फूला हुआ ओकरा हुआ मूंग। सावधानी और परहेज

डेंगू दूर कैसे करे--- उचित और सही साफ सफाई करके। घर में कहीं भी पानी या मकडे का जाला या किसी भी तरह की गंदगी जमा नही होने दे। २. घर के आस पास घास फुस  बढ़ने नही दे। ब्लीचिंग पाऊडर का छिड़काव् करते रहे। ३. Hit या कोई भी mosqito स्प्रे का उपयोग घर के कोनो मे, पलंग के नीचे करे। ४. बच्चों को फूल शर्ट और पैंट पेहनाएं। ५. रात में सोते समय मछरदानी का उपयोग करे। ६. घर के आस पास छोटे जलाशय मे गेम्बुसिया लेबिस्टर नामक छोटी मछली डाले ये डेंगू मच्छर को खाती है। ७. घर में पोछा लगाते समय पानी में केरोसिन तेल या फेण्याल, डाले। ७. फ्रीज, कूलर, ए सी की साफ सफाई निरन्तर करते रहे। ८. सबसे अहम बात प्रारंभिक लक्षण को बिल्कुल अनदेखा नही करे। 

कुछ रोचक तथ्य---डेंगू मध्य और दक्षिण अमेरिका तथा दक्षिण पूर्व एशिया में आम बीमारी होती हैं। सबसे पहले 1953 ई में फिलिपींस मे बेहद भीषण डेंगू रिपोर्ट किया गया था। American Society for microbiology की रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे विश्व युद्ध के बाद के समय डेंगू  बहुत तेजी से फैलने लगा था।

Disclaimer- उपरोक्त जानकारी विभिन्न माध्यम से ली गई है। कोशिश है की ज्यादा से ज्यादा जानकारी दे सकु। फिर भी डॉक्टर का सलाह सर्वोपरि होता है। उसके बाद उचित साफ सफाई, खान- पान, परहेज। Please read & forward

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